नमस्कार दोस्तों, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। तेज़ रफ्तार वक्त और इस मशीनी युग में जब हर वस्तु और सेवा ऑनलाइन जा रही हो उस समय हमारे समाज के पारंपरिक सदस्य जैसे पिछड़ और कई बार बिछड़ जाते हैं। ये सदस्य हैं हमारे बढ़ई, मिस्त्री, शिल्पकार और कारीगर। जिन्हें आजकल जीवन यापन करने में बहुत परेशानी हो रही है। ऐसे में भारत सरकार इन नागरिकों के लिए एक अहम योजना लेकर आई है ताकि ये अपने हुनर को और तराश सकें, अपने काम के लिए इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी सामान और औजार ले सकें। आज हम आपको भारत सरकार की विश्वकर्मा योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। तो हमें बताइए कि आपको कैसी लगी ये योजना और क्या आप इसका लाभ उठाना चाहते हैं। मोबाइल वाणी पर आकर कहिए अगर आप इस बारे में कोई और जानकारी भी चाहते हैं। हम आपका मार्गदर्शन जरूर करेंगे। ऐसी ही और जानकारियों के लिए सुनते रहिए मोबाइल वाणी,
साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में लाभार्थी रोहित से साक्षात्कार लिया गया है जो जल संरक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है।
हमें पानी का दोहन कम से काम करना चाहिए।
नल का पानी बचाएँ: घरेलू काम जैसे दाढ़ी बनाते, दाँत साफ, स्नान करते, बरतन और हाथ धोते समय नल बन्द रखें। नहाते समय, साबुन लगाने के दौरान नल बन्द रखें और उतनी ही देर नल खुला रखें जितनी देर पानी साबुन निकालने के लिए आवश्यक हो। नल बन्द होते समय पानी का तापमान बदलने के लिए एक मुड़ने वाला वाल्व लें और उसे फव्वारा नल के पीछे लगा दें। गर्म पानी के भरने के इंतजार में, नल और फव्वारे से आने वाला ठंडा पानी बर्बाद न होने दें और उसे संग्रहित करें। इसे पौधों में डालने और फ्लश करने के लिए फ्लश की टंकी में भर दें। वैसे तो गर्म पानी की टंकी में ठंडे पानी की टंकी के मुकाबले ज़ादा गाद और ज़ंग होता है, इसके बावजूद, यह पानी पीने योग्य है। यदि आप वाटर फिल्टर का प्रयोग करते हैं, तो आप फिल्टर हुए पानी को बोतल में भरें और ठंडा पानी पीने के लिए फ्रिज में रखें। टपकती हुई पाइपलाइन की जाँच करें, खास तौर पर रिसने वाले फ्लश टैंक और नल: हर रिसने वाली पानी के उपकरण को ठीक करवाए। बिना आवाज़ के टपकने वाले फ्लश टैंक से प्रतिदिन 30-500 गैलन पानी बरबाद हो सकता है! सस्ते और कम बहाव वाले फव्वारे एवं नल लगवाएँ: कम बहाव वाले उपकरण सस्ते होते हैं ($10-$20 एक फव्वारे की कीमत और $5 से भी कम एक नल की कीमत है)। अधिकांश लोग पेंच से इसे एक जगह कस लेते है (इसके लिए आपको एक एडजस्टेबल रैंच की ज़रूरत पड़ेगी), और पारंपरिक इकाइयों के मुकाबले, अच्छे करण्ट वाली इकाइयाँ दबाव बनाए रखने और बहाव के जाँच के साथ आधे से भी कम पानी का प्रयोग करते है।
साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में हम आपको बता रहे है कि बरसात के पानी को कैसे संरक्षित कर भूजल को बढ़ाने में हम अपना योगदान दे सकते है। आप हमें बताइए गर्मियों में आप पानी की कौन से दिक्कतों से जूझते हैं... एवं आपके क्षेत्र में भूजल कि क्या स्थिति है....
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत देश के लगभग 1 करोड़ लोगों को इससे फायदा पहुंचेगा। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी जानकारी