उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पिछले कुछ दिनों में सरकार के साथ बातचीत विफल होने के बाद किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली पहुँच गए ,लेकिन किसानों के इस कदम से एक विवाद छिड़ गया। इस बीच एक सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि क्या किसानों की मांग प्रशासनिक है? इन मांगों को अभी तक पूरा नहीं किया गया है , जिसके कारण किसान फिर से सड़कों पर उतर आए हैं । क्या सरकार इनकी मांगे पूरी करने में असमर्थ हैं?या ये मांगें निर्थक हैं,जिनको पूरा नही किया जा सकता है। किसान लंबे समय से एम . एस . पी . को कानूनी रूप से लागू करने की मांग कर रहे हैं । इसकी मांगों को सबसे अधिक 2020-21 के किसान आंदोलन में उठाया गया था। सरकार ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया था,किसानों ने भी इस आश्वासन को स्वीकार कर लिया । बाद में सरकार ने इसके लिए एक समिति भी बनाई । बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। सरकार को किसानों पर ध्यान देना चाहिए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।