हमारा देश कृषि प्रधान देश है जिसमें बाढ़ और सुख का विशेष महत्व है बाढ़ आने पर फसल नष्ट हो जाती है और सूखा पड़ने पर भी फसल नष्ट हो जाती इससे समाज पर और पेड़ पौधे पर बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है
Naam Vishal Singh pita ka naam Vijay Singh block hujurpur thana hujurpur tahsil payagpur jila Bahraich
नाम विशाल सिंह पिता का नाम विजय सिंह ब्लॉक हजूरपुर थाना हजूरपुर जिला बहराइच मोबाइल नंबर 8795 59 3634
मौज सिंहपुर में चोरी चुपके से लकड़ी की कटान अधिकारियों कुछ नहीं करते हैं धन्यवाद
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पिछले कुछ सालों में सरकारी स्तर पर आक्सीजन देने वाले पेड़ों को नही लगाया गया हैं
दुनिया की बीस प्रतिशत ऑक्सीजन का उत्पादन अमेज़न के जंगलों में होता है। हो सकता है कि आप इसे नहीं जानते हों, लेकिन पेड़ पृथ्वी पर सबसे पुराने जीवित प्राणी हैं। पेड़ उम्र के कारण कभी नहीं मरते हैं और पृथ्वी पर मनुष्य के जन्म के बाद से लगभग तीन खरब पेड़ काटे गए हैं, इसके अनुसार दुनिया में फुटबॉल के मैदान के बाद हर दो सेकंड में। हर साल जिस दर से पेड़ लगाए जा रहे हैं, उससे दोगुनी दर से वनों की कटाई की जा रही है, यानी हर साल मनुष्यों द्वारा पांच अरब पेड़ लगाए जा रहे हैं, जबकि काटे जा रहे पेड़ों की संख्या है एक पेड़ एक दिन में इतनी ऑक्सीजन उत्सर्जित करते हुए एक वर्ष में लगभग 21 दशमलव सात किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है कि चार लोग पृथ्वी पर रह सकते हैं। पेड़ों की संख्या मानव मस्तिष्क में शवों, चिताओं और कोशिकाओं की संख्या से अधिक है। पृथ्वी पर लगभग तीन खरब दस अरब पेड़ हैं। रूस में दुनिया में सबसे अधिक पेड़ हैं। रूस के पास लगभग छह हैं। वहाँ छह सौ बयालीस करोड़ पेड़ हैं। दुनिया के पेड़ों के अनुसार, एक व्यक्ति के लिए चार सौ चौंसठ सौ बाईस पेड़ बचे हैं। प्रत्येक भारतीय के लिए केवल अट्ठाईस पेड़ बचे हैं। यदि पेड़ एक पंक्ति में हैं, तो वे दो हैं। फूल मिट्टी के स्तर को पचहत्तर प्रतिशत तक कम कर देते हैं जबकि आने वाले फूल मिट्टी के स्तर को पचास प्रतिशत तक कम कर देते हैं। दुनिया की बीस प्रतिशत ऑक्सीजन का उत्पादन अमेज़न के जंगलों से होता है। ये वन 8 करोड़ हैं।
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कुछ पेड़ पर्यावरण के लिए लाभदायक हैं जो हमारे पर्यावरण को बहुत लाभ पहुंचा सकते हैं। बरगद का पेड़ जो सौ प्रतिशत ऑक्सीजन देने के कारण सबसे अच्छा है, वह दूसरा पीपल का पेड़ है। खर्च करने से लोगों को बहुत अच्छे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। नीम का पेड़ तीसरे नंबर पर है। ऑक्सीजन देने के अलावा, नीम का पेड़ मच्छरों को भी दूर करता है और कीटाणुनाशक और कई दवाएं भी बनाता है। तुलसी का पेड़ बरगद का पेड़, हर इलाके के रास्ते में पीपल का पेड़ और हर घर में नीम और तुलसी का पौधा लगाना बहुत जरूरी है। तुलसी पर्यावरण को भी शुद्ध करती है और दवा के लिए भी उपयोगी है।
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डे मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि आज हम पर्यावरण में इतनी समस्याओं का सामना कर रहे हैं कि यह इतना गर्म हो रहा है। क्योंकि ज्यादातर लोग पेड़ काट रहे हैं, जंगल में पेड़ काट रहे हैं, पेड़ के पौधे पर्यावरण के रक्षक होने के साथ-साथ उन्हें साफ करने वाले भी हैं, इसके बिना किसी को भी अपना जीवन जीने का मौका नहीं मिल सकता है। इसलिए, लोगों को पेड़ लगाने के लिए आगे आना चाहिए, पेड़ लगाने चाहिए और काटने नहीं चाहिए, लेकिन वर्तमान में, लोग अपनी भौतिक सुविधाओं के लिए जंगलों को काट रहे हैं और इस भूमि को पेड़ रहित बना रहे हैं। अगर ऐसे पेड़ों को कम किया जाए तो ग्लोबल वार्मिंग की समस्या और अधिक होगी, जिसका प्रभाव अब दिखाई दे रहा है। पर्यावरण संतुलन बिगड़ने लगा है। स्थिति यह है कि पिछले दस वर्षों में प्रतिदिन तापमान में वृद्धि हुई है। साथ ही बर्फ का खंभा भी पिघलने लगा है। अगर भविष्य में भी ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब हमें ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए रुपये खर्च करने पड़ेंगे, इसलिए अधिक से अधिक पेड़ लगाएं।
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से आनंद यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि कम बारिश और अधिक दोहन के कारण देश में पानी के पारंपरिक स्रोत कम हो रहे हैं।
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