उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला के पयागपुर से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से ब्लॉक पयागपुर तहसील पयागपुर जिला बहराइच के स्थानीय निवासी उदल से बात किया उन्होंने बताया की उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिला है।
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता बड़कऊ से बात किया उन्होंने बताया की उन्हें बताया की उनके क्षेत्र में जल निकासी की समस्या है।
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की महिलाओं के सशक्त होने के लिए समाज के साथ खड़ा होना बहुत जरूरी है। हमारे देश में महिलायें अगर पढ़ी लिखी हैं तो अपने मान सम्मान बचाने के लिए हिसाब किताब से बाहर निकलती हैं। उन्हें डर रहता है कि यदि वे माता पिता को बिना बताये हुए घर से निकलती हैं तो उन्हें घर में जानकारी देना आवश्यक हैं। यदि वे जानकारी नहीं देने सकती हैं तो ये उनके मान सम्मान के लिए सही नहीं हैं। अपने मान सम्मान बचाने के लिए महिलायें घर से बाहर नहीं निकल पाती हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डेय मोबाइल वाणी के माध्यम से वंदना से बातचीत की। बातचीत में वंदना ने बताया कि हमारे समाज में लैंगिक असमानता अभी भी बहुत हैं। लोग शिक्षित हो रहे तब भी लैंगिक असमानता होती है। लोग सोचते हैं कि लड़कियों को पढ़ा तो रहे हैं। लेकिन उन्हें है स्कूल इंटर तक करवा देते हैं। अगर लड़कियों को अपना कुछ सपना पुरा करना हो इसके लिए उन्हें बाहर जाना पड़ता है वहीं अच्छे से कॉलेज में रहकर भी पढ़ना पड़ता है। तो माँ बाप यह सोचते हैं कि अब इनकी शादी की उम्र हो गयी है। ज्यादातर मैट्रिक इंटर के बाद उनकी शादी कर दी जाती है। माँ बाप सोचते हैं कि यदि हम लड़कियों को पढ़ायेंगे तो पैसे बर्बाद होंगे लेकिन यदि उनकी शादी हो जाए तो ऐसा नहीं करना पड़ेगा।अगर उनको पढ़ायेंगे जॉब करवायेंगे तो पैसे ससुराल लेकर जाएगी। इसलिए लोग ज्यादातर लड़कियों के साथ भेदभाव करते हैं। इसके साथ ही लड़कों के साथ लडकियां काम करती हैं तो वहां भी उनके साथ भेदभाव किया जाता है। इसके लिए सबको आगे आना होगा और लड़कियों को उनका अधिकार देना होगा
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से राजेश पाठक ने मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रमोद से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को एक वस्तु समझा जाता है। जबकि अगर वास्तविकता देखा जाए तो प्रभु की जितनी भी अद्वित्य रचनायें हैं उनमे पुरूष और महिलाओं की अहम् भूमिका है। पुरूष और महिलाओं की रचना भगवान ने ही की है और दोनों को समान अधिकार दिया है। हमारा समाज भी दोनों को समान अवसर देता है।हर जगह अब महिलाओं को आरक्षण दिया जाता है। लेकिन फिर भी आज महिलायें पुरूषों की तुलना में बहुत पीछे दिखाई देती हैं। इसके लिए महिलाओं को सामाजिक आर्थिक शिक्षा में बढ़ावा देना चाहिए। अभिभावक लोग अपने बच्चों को आगे बढ़ायें। बच्चों के बीच समानता दें चाहे वो बेटी हो या बेटा। बच्चे को उच्च शिक्षा दें। समाज में उसको ले जायें। जब वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर लेंगी तो उन्हें समाज में उठना बैठना खुद आ जाएगा हालाँकि माँ बाप होने के नाते उन्हें डर लगेगा तो हम पीछे से उन्हें देखते रहेंगे लेकिन बच्चों को आगे बढ़ाने में अभिभावक को उनकी मदद करनी चाहिए। अभिभावक बेटी और बेटा में अंतर् ना करें उन्हें उच्च शिक्षा दें।
उत्तर प्रदेश के जिला बहराइच से राजेश पाठक ने मोबाइल वाणी के माध्यम से महेंद्र मिश्रा से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि पहले से ही महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता रहा है। उनके विकास के लिए बहुत सारी योजनायें भी निकाली गयी हैं लेकिन फिर भी महिलायें पिछड़ी हुयी हैं। ऐसे में महिलाओं के विकास के लिए समाज को आगे आना होगा। उन्हें शिक्षा का अधिकार देना होगा। यदि महिलायें शिक्षित रहेंगी तभी वे पुरूषों के जितना अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा पायेंगी।
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला के पयागपुर से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोताअशोक कुमार सरकार से बात किया उन्होंने बताया की उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिला है।
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता गोपाल चौहान से बात किया उन्होंने बताया की उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिला है
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डेय मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि जमीनी हक़ लिए महिलाओं को खुद लड़ना होगा। हमारे समाज में कु प्रथाएं जैसे दहेज़ हत्या ,विधवा को छोड़ देना होती रहती हैं। इससे महिलायें अपना पैतृक संपत्ति छोड़ देती हैं समाजिक दबाव के चलते अधिकतर महिलाएं अपना पैतृक संपत्ति और अपना हक़ छोड़ देती हैं। यदि कोई महिला अपना हक मांगती हैं तो हमारा समाज उन्हें लालची जैसे शब्दों से कलंकित करने से नहीं छोड़ता। समाज की इन्ही बातो से बचने के लिए अक्सर महिलायें अपना अधिकार छोड़ देती हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा की महिलाओ को हक़ देने वाले कानून इधर उधर बिखरे नजर आते हैं। कानून की जटिलताओं और जागरूकताओं की कमी के कारण महिलायें अपने अधिकारों का उपयोग नहीं कर पाती हैं
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डेय मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भूमि पर महिलाओं का अधिकार होना चाहिए महिलाओं के पास भी अपनी संपत्ति होनी चाहिए। जिससे उन्हें किसी पर निर्भर ना रहना पड़े उनका कोई शोषण ना कर सके । आज जहां हमारा समाज बोलता है कि अब लड़का और लड़कियों में कोई भेदभाव नहीं है लेकिन यह बस बाते हैं आज भी उनपर भेदभाव किया जाता है। आज यहां अचल संपत्ति के रूप में भी जमीन अधिकार सामने आती है लेकिन जमीनी अधिकार आज भी पुरुषों के पास होती हैं।आज भी हमारा समाज पुरूष प्रधान है। आज भी महिलाओं को अधिकार देने से पुरूष कतराते हैं। आज भी महिलाओं को घर का काम करने के लिए समझा जाता है। महिलाओं को भूमि अधिकार मिलना चाहिए तभी वे सशक्त हो पायेंगी