उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से प्रमोद तिवारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सदियों से भारतीय समाज संयुक्त परिवार के रूप में रहता आया है। प्राचीन परम्परा के अनुसार केवल बेटा को ही पैतृक सम्पत्ति का अधिकार होता था। परन्तु वर्तमान कानून के मुताबिक बेटी और बेटा दोनों ही एक ही माता -पिता के संतान होते हैं और दोनों को पैतृक सम्पत्ति में समान अधिकार होते हैं।वैवाहिक बेटी का भी उनके माता-पिता की सम्पत्ति में अधिकार होता है।