उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से नेहा पाण्डेय से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि अभी भी महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव किया जाता है। वे जिस स्कूल में पढ़ाते हैं वहां पर पुरूष शिक्षकों को अधिक वेतन दिया जाता है जबकि महिला शिक्षकों को निम्न सोचा जाता है उनको कम सीलेरी दी जाती है । कुछ बच्चे भी कुछ पेरेन्ट्स भी जो पिछले कुछ वर्ग के हैं जो पुराने हैं वो लोग अभी भी यही सोचते हैं कि लड़की है दूसरे घर चली जाएगी उसका क्या है लड़के अपने हैं अपने घर रहेंगे उनके लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है और यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे शिक्षित हों। लेकिन लोगों की सोच बदलने की बहुत जरूरत है और शिक्षा बहुत जरूरी है वे पढ़े तभी उन्हें पता चल पाएगा कि आजकल पुरुषों और महिलाओं के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। उनका कहना है पिता की सम्पत्ति में बेटियों का अधिकार होता है जिस तरह बेटा होता है उसी तरह बेटियाँ होती हैं। बेटियों को दो घर देखना होता है वे ससुराल जाती हैं लेकिन अपने मायके का सोचती रहती हैं। लेकीन जब वे मायके जायें तो वहां पर उनका सम्मान हो इज्जत हो ,अगर हमारी शादी हो गयी तो हमारी इज्जत नहीं रह जाती। वो खत्म हो जाता है क्यूंकि हमारे माता पिता भाई भौजाई यही लोग ही भेदभाव करने लगते हैं। यह हर जगह चल रहा हमें इसे खत्म करने की जरूरत है माता पिता की सम्पत्ति में पुत्री का अधिकार होना ही चाहिए