उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से बावलिया की निवासी सरिता से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं के संसाधनों और भूमि अधिकारों में सुधार के लिए शिक्षा और जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह देखा गया है कि जो महिलाएं शिक्षित नहीं हैं, वे अक्सर भूमि अधिकारों का अनुचित लाभ उठाती हैं। इसलिए जो लोग गाँव हैं या शिक्षित ग्रामीण लोग हैं, वे सभी पीछे हटने लगते हैं कि महिलाएं कभी-कभी शादी के बाद जमीन मिलने के बाद अपना घर छोड़ देती हैं और बच्चों को भी छोड़ देती हैं। इससे यह होता है कि जो जमीन वह गलत जगह पर चली जाती है और बच्चे भी अनाथ हो जाते हैं, इसलिए भूमि के अधिकार केवल उन्हीं महिलाओं को दिए जाने चाहिए जो शिक्षित और जागरूक हैं क्योंकि महिलाओं के लिए जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण है। पुरुष वर्ग महिलाओं को भूमि अधिकार देने से पीछे हट जाते है ,क्योंकि उन्हें लगता है की महिलाओं में आत्मसम्मान और गरिमा की कोई भावना नहीं है, वे खुद को साबित करने में सक्षम नहीं हैं। अशिक्षित होने के कारण महिलायें पिछड़ी होती है, और दुसरो पर निर्भर होती है।