उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से चाचा जी से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके यहां कभी बाढ़ नहीं आयी है लेकिन रिश्तेदारों के यहां बाढ़ की स्थिति बन जाती है वहां पर बाढ़ के कारण जलभराव होता है। जो लोग अनाज का भंडारण करते हैं, भोजन भी नष्ट हो जाता है। फसलें भी बर्बाद हो जाती हैं। एक लागत है लागत उन पर जाती है। कई बीमारियाँ आती हैं, जानवरों को लेकर मनुष्यों पर एक बड़ी समस्या है. स्कूलों में भी जलभराव होता है, स्कूल बंद रहते हैं, शिक्षा ठप रहती है,ऐसे में जब बाढ़ खत्म होती है स्थिति सामान्य हो जाती है। उन्हें सरकार द्वारा कुछ सुविधा दी जाती है उनके द्वारा एक बांध बनाया जाता है जब जलभराव होता है, तो खाद्यान्न का प्रावधान होता है, जब तक जलभराव है, खाना-पीना बनाने में समस्या होती है, लकड़ी सब भीग जाती है और नीचे की जमीन सब जलमग्न होते है, तब तक प्रशासन और सरकार मदद करती है, वहाँ का प्रशासन, डी. एम. एस. डी. एम. और लेखपाल दोपहर के भोजन के पैकेट भेजते हैं, लोग तब तक खाते-पीते हैं जब तक जलभराव होता है, उसके बाद जब पानी कम हो जाता है, तो स्थिति सामान्य हो जाती है।