उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बरवलिया की निवासी हमारी एक श्रोता से साक्षात्कार लिया। उन्होंने बताया कि वो अपने बेटे को संपत्ति में अधिकार देंगी मगर अपनी बेटी को संपत्ति में हिस्सा नहीं देंगी। उन्होंने बताया की ये सिर्फ कहने की बात है की बेटा और बेटी एक समान है परन्तु जब संपत्ति का अधिकार देने की बात आती है तो सभी मुकर जाते है। अगर बेटियों को भूमि का अधिकार दे दिया जाए तो रिश्तो में दरार आने की संभावना होती है। शादी के बाद महिलाओं को उसके मायके में हिस्सा मिलता है