उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जैसे लड़के होते हैं ,लड़कियाँ भी होती हैं, माँ बाप के लिए दोनों बराबर होते हैं . पिता की सम्पत्ति में आधा हिस्सा लड़कियों का भी होता है लेकिन पिता भी मजदुर होते हैं। हमारे देश में कानून सारे चलाये जाते हैं लेकिन उसका सही से पालन नहीं होता। पिता एक लड़के के लिए एक अच्छी शादी और अपनी बेटी के लिए एक अच्छी शादी चाहता है, फिर वह दहेज के लिए पैसे इकट्ठा करता है शादी पर दो लाख तीन लाख रुपये या अच्छे घरों पर अठारह लाख बीस लाख पच्चीस लाख रुपये खर्च करता है । ऐसे में वे सोचते हैं कि शादी में इतना खर्च करने के बाद जमीन में हिस्सा देना पड़ेगा तो यह उसपर बोझ होगा। बेटियों को संपत्ति का अधिकार है, लेकिन हम कहेंगे कि हां, अगर लड़की को हिस्सा मिलना चाहिए, अगर उसकी शादी ठीक से नहीं चल रही है, तो निश्चित रूप से उसे अपने पिता की संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए।