उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से साक्षी शुक्ला से बातचीत की। बातचीत में साक्षी शुक्ला ने बताया कि गांव में महिलाएं खेती पर ही निर्भर रहती हैं महिलाएं यदि अपने घर के खेतों में काम करती हैं तो उन्हें मेहनताना नहीं मिलता यदि दूसरों के खेती में काम करती हैं तो उन्हें मेहनताना मिलता है। उन्होंने बताया कि हमारे समाज में दो तरफ़ा किया जाता है लड़का को दूसरे और लड़की को दूसरे नजर से देखा जाता है। जबकि सरकार के तरफ से दोनों एक समान माने जाते हैं लेकिन लोग उन्हें अलग अलग मानते हैं। लड़कों को पूरा हक दिया जाता है और लड़कियों को कुछ भी नहीं दिया जाता है। यदि महिलाएं खेतों में काम करती हैं और जब घर जाती हैं उनके काम का कोई महत्व नहीं दिया जाता है। पुरूष कमा रहे और महिलाएं खा रही ,ऐसा माना जाता है जबकि ऐसा नहीं है महिलाएं भी पूरा मेहनत करती हैं। पुरूष और महिलाएं शिक्षित होंगे तभी गांव का विकास हो पाएगा