उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला के गंगापुर से शालिनी पाण्डेय मोबाइल वाणी के माध्यम से गीता से बातचीत की।बातचीत में उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों की तरह यहाँ की औरतें भी खेती का हिस्सा हैं, लेकिन बदले में उन्हें करना पड़ता है। इसका कोई लाभ नहीं है जैसे कि अगर महिला किसी के स्थान पर मजदूर के रूप में काम करती है, तो उसे उससे पैसा मिलता है, लेकिन अगर वह अपने खेत में काम करती है, तो उसे इससे कोई विशेष लाभ नहीं मिलता है,अगर वे घर पर काम करते हैं तो उन्हें कुछ नहीं मिलता , इसलिए उनके नाम पर खेत का दस प्रतिशत दिया जाना चाहिए और उन्हें यह खेती करने, गन्ना लगाने या फसल लगाने के लिए कहा जाना चाहिए। इससे उनका विकाश होगा और वे आगे बढ़ेंगी। गीता जी का कहना है कि चाहे वह पुरुष हो या महिला, उन्हें शिक्षित होने की आवश्यकता है। जब वे शिक्षित होंगी तो अच्छा स्वास्थ्य होगा इसलिए उन्हें ठीक से शिक्षित किया जाना चाहिए।