उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला के गंगापुर से शालिनी पाण्डेय मोबाइल वाणी के माध्यम से शिवकुमार पांडे से बातचीत की।बातचीत में उन्होंने बताया कि देश के जिन गाँवों में औरतें खेती का हिस्सा हैं, वहाँ उन्हें बदले में किसी भी तरह का लाभ नहीं मिलता है।हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है और अधिकांश ग्रामीण आबादी गाँवों में रहती है। सबसे पहले उन्हें शिक्षा की आवश्यकता है, अगर वे शिक्षित होंगे तो उनके पास कुछ रोजगार या व्यवसाय होगा।साथ ही उन्होंने बताया कि रोजगार को तभी बढ़ावा दिया जाएगा जब महिलाओं को शिक्षित किया जाएगा। सबसे पहले आरक्षण महिलाओं के नाम पर होना चाहिए पचास प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के नाम पर होना चाहिए तभी वे आगे बढ़ेंगे।