उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से राजेश पाठक ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रितु से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं के बारे में समझाने और दूसरा, अपने समाज में आसपास के लोगों को उनके बारे में जागरूक करने का भी एक शानदार अवसर है। गाँव में, जो महिलाएं बिल्कुल भी साक्षर नहीं हैं, जो शिक्षित नहीं हैं, वे जाकर उन्हें समझाती हैं और अगर कोई महिला जागरूक हो रही है तो काफी हद तक इसका हम पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है। यह मानते हुए कि महिला के हाथ में मुट्ठी भरी हुई है, तो भविष्य में बहुत सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं, वह खुद को भी एक मजबूत और मजबूत महिला मानती है और उससे कई चीजें दिखाई देती हैं। समाज के जो पुरुष है वो खुद को हमेशा सर्वोपरी मानते आये है ,पुरुष अपनी पत्नियों को खुद से ऊपर नहीं देखना चाहती हैं। सबसे बड़ी समस्या यहाँ उत्पन्न होती है और शायद दिन-प्रतिदिन, यदि आप इसे कभी देखते हैं, तो यह समाज में हर किसी के साथ होता है जिसमें आप रहते हैं या जिस तरह से आपके बड़े आपको प्रेरणा देते हैं। यह सुझाव दिया जाता है कि जैसे-जैसे पुरुष बड़े होते हैं, वे धीरे-धीरे अपने दिमाग में बस जाते हैं, वे चीजें उनके घरों में जाती हैं, इसलिए आपकी बात यह है कि एक पुरुष प्रधान समाज है, जिसके कारण महिलाओं को संपत्ति के अधिकारों में जगह नहीं मिल रही है।