उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डेय मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि हर महिला को अपने फैसले खुद लेना शुरू करना चाहिए , यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हमारे फैसले कोई और क्यों ले, हमे अपना निर्णय खुद लेना चाहिए। हमें सब कुछ कहना सीखना चाहिए। महिलाएं अपने मन की बात कहने से न डरें, शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत रहें, घमंड न करें, योग का अभ्यास करें, खुद को शिक्षित करें। आत्मनिर्भर बनें, आप कोई भी काम अकेले करें, आप किसी पर निर्भर नहीं हैं, जब आप किसी और पर निर्भर हैं, तो आप अपना निर्णय खुद नहीं ले पाएंगे। ऐसा करने के साथ-साथ, अब पूरी महिला जाति, विशेष रूप से युवा लड़कियों, जिन्हें स्वच्छता और मार्गदर्शन की बहुत आवश्यकता है, महिलाओं के अधिकारों के लिए अपनी आवाज उठाएं। उन्हें यह भी जानकारी दें कि उन्हें अपने लिए बोलना चाहिए। सभी महिलाओं के कल्याण के लिए कैसे खड़ा होना है, मातृ शक्ति को जागना होगा, हमें लड़के या लड़की के पालन-पोषण में भेदभाव भी नहीं करना चाहिए और फिर खुद कई लड़के पैदा करने की प्रक्रिया में भी। मतलब, वे लड़कियों को मार देते हैं, उन्हें अपनी सोच बदलनी चाहिए, चाहे वह लड़का हो या लड़की, इसका मतलब है कि वे खुद लड़के और लड़की के बीच भेदभाव करते हैं। लड़कियाँ लड़कियाँ हैं, उन्हें ऐसे सामान्य स्कूल में किसी भी स्कूल में डाल दें, अपने लिए लड़ना सीखें, लड़के को लड़कियों का सम्मान करना सिखाएं, उन्हें सम्मान दें। हर बेटी एक मजबूत महिला होगी, इसलिए हर महिला खुद को इतना मजबूत बनाये कि वे किसी पर निर्भर न हों।