उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला के ब्लॉक नवाबगंज के तहसील नामपारा से शालिनी पाण्डेय मोबाइल वाणी के माध्यम से पवन से बातचीत की। बातचीत में पवन ने बताया कि महिलाओं के भूमि के अधिकार का मुद्दा गंभीर और व्यापक है और हमारी सरकार ने इसके लिए बड़े कदम उठाए हैं। महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री होती है तो स्टाम्प शुल्क कम लगता है इसलिए पुरूष सोचते हैं कि जमीन ले रहे हैं, कहीं खरीद रहे हैं, यदि वे जमीन महिला के नाम पर रजिस्ट्री करा लेंगे तो उसमें उनका पैसा कम लगेगा। इससे उन्हें आर्थिक लाभ मिलेगा। इस कारण जमीन महिलाओं के नाम पर की जाती है और महिलाओं को लगता है कि समाज में उनके नाम पर भी कुछ प्रॉपर्टी है और समाज में उनकी भी कुछ हिस्सेदारी है। साथ ही भूमि सुधार में सरकार द्वारा बहुत अच्छा कदम उठाया गया है। भूमि सुधार में बेहतर कदम सरकार ने उठाया और इसमें पुरुषों को भी थोड़ा शिक्षित होना चाहिए। बहुत से लोग इन दिनों सोचते हैं कि हम अपनी जमीन महिलाओं के नाम पर क्यों लें.लोगों को इस तरह की सोच को खत्म कर देना चाहिए, तभी हमारा समाज आगे बढ़ेगा और आर्थिक और सामाजिक विकास होगा ।महिलाएं पुरुषों से कम नहीं है, बस उन्हें समाज में अपनी बात रखने का मौका दें, उन्हें शिक्षित किया जाना चाहिए । महिलाओं को सशक्त बनाना चाहिए। हमारे देश में महिलाओं की कोई पहचान नहीं है। महिला को उसके पुरुष के नाम से जाना जाता है, वह उसकी पत्नी है और यह उसकी बहन है या उनकी दादी हैं, इसलिए उन्हें समाज में एक मौका दिया जाना चाहिए कि वे समाज में अपनी पहचान बना सकें, यानी चाहे वे अपने नाम से जाना चाहते हों इससे महिलाएं सशक्त होंगी । इसमें हम हमारे राष्ट्रपति को लें सकते हैं अब उनकी अपनी अलग पहचान है, वह अपने पति के नाम से नहीं जानी जाती हैं, वह अपने नाम से जानी जाती हैं, द्रौपदी मुर्मू, जो हमारे देश की राष्ट्रपति हैं। ऐसे ही जब महिलाएं सशक्त होंगी, तो उनकी अपनी पहचान होगी, उनका विकास होगा, उनका मानसिक विकास होगा साथ ही सामाजिक विकास होगा।