उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डेय मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता अमर सिंह से बात किया, उन्होंने बताया की गाँवों में, शायद स्थिति अभी भी वैसी ही है। बहुत से असहाय लोग अभी भी अशिक्षित हैं, वे पहली बात लड़कियों को नहीं पढ़ाते हैं, वे कहते हैं कि वे पढ़ने क्या जाएँगी ,उन्हें तो चौका चूल्हा ही करना होगा। लेकिन अगर वे अपनी लड़कियों को पढ़ाते हैं, तो वे उससे बेहतर होंगे जो हम सोचते हैं कि पुरुष हैं।लड़किया जो है वो अपने काम को बहुत बेहतर ढंग से करती है और अनुशासन के साथ करती है। ग्रमीण क्षेत्रों में अब भी लोग पुराणी मानशिकता के साथ जीते है और लड़को और लड़कियों में अंतर करते है। ऐसे मानशिकता वाले लोगो को अपनी सोच बदलने की जरुरत है तभी समाज में लड़किया आगे बढ़ पाएंगी और समाज का विकास हो पायेगा।अभी के समय में लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है अपना पूरा योगदान दे रही है। देश में लैंगिक असमानता कम हो रही है और शिक्षा की बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। एक शिक्षित समाज में यह सब नहीं देखा जाता है। हम विदेशों की नकल करते हैं और देखते हैं कि लड़कियों के बीच कोई भेदभाव नहीं है।