उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमारे समाज में बहुत सारी लैंगिक असमानता है। अगर किसी लड़की को अपने किसी भी सपने को पूरा करना है, तो उसे स्कूल जाना होगा। लड़कियाँ के लिए बड़े कॉलेज या बड़े स्कूल नहीं होते हैं, अगर उन्हें पढ़ाई के लिए बाहर जाने का अपना सपना पूरा करना है, तो उन्हें बाहर जाना होगा, तो परिवार की अनुमति लेनी होगी। बाहर जाने के लिए लड़कियों को बहुत पीड़ा उठानी पड़ती है। अगर उन्हें बाहर जाना है तो उन्हें पहले अनुमति देनी होगी, फिर उन्हें अनुमति भी नहीं मिलती। कई लड़कियों के कई सपने होते हैं। लड़कियों को अपने सपनों को सिर्फ इसलिए तोड़ना पड़ता है क्योंकि वे बाहर जाकर अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाती हैं। महिला को भी शिक्षित होने की आवश्यकता होती है। शिक्षित होना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर घर में बच्चे हैं, तो उन्हें देखने के लिए हमेशा एक आदमी नहीं होता है। घर में पहली शिक्षक एक मां और एक महिला होती है, इसलिए महिलाओं को शिक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है।