उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से राजेश पाठक ने मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रमोद से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को एक वस्तु समझा जाता है। जबकि अगर वास्तविकता देखा जाए तो प्रभु की जितनी भी अद्वित्य रचनायें हैं उनमे पुरूष और महिलाओं की अहम् भूमिका है। पुरूष और महिलाओं की रचना भगवान ने ही की है और दोनों को समान अधिकार दिया है। हमारा समाज भी दोनों को समान अवसर देता है।हर जगह अब महिलाओं को आरक्षण दिया जाता है। लेकिन फिर भी आज महिलायें पुरूषों की तुलना में बहुत पीछे दिखाई देती हैं। इसके लिए महिलाओं को सामाजिक आर्थिक शिक्षा में बढ़ावा देना चाहिए। अभिभावक लोग अपने बच्चों को आगे बढ़ायें। बच्चों के बीच समानता दें चाहे वो बेटी हो या बेटा। बच्चे को उच्च शिक्षा दें। समाज में उसको ले जायें। जब वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर लेंगी तो उन्हें समाज में उठना बैठना खुद आ जाएगा हालाँकि माँ बाप होने के नाते उन्हें डर लगेगा तो हम पीछे से उन्हें देखते रहेंगे लेकिन बच्चों को आगे बढ़ाने में अभिभावक को उनकी मदद करनी चाहिए। अभिभावक बेटी और बेटा में अंतर् ना करें उन्हें उच्च शिक्षा दें।