उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डेय मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि जमीनी हक़ लिए महिलाओं को खुद लड़ना होगा। हमारे समाज में कु प्रथाएं जैसे दहेज़ हत्या ,विधवा को छोड़ देना होती रहती हैं। इससे महिलायें अपना पैतृक संपत्ति छोड़ देती हैं समाजिक दबाव के चलते अधिकतर महिलाएं अपना पैतृक संपत्ति और अपना हक़ छोड़ देती हैं। यदि कोई महिला अपना हक मांगती हैं तो हमारा समाज उन्हें लालची जैसे शब्दों से कलंकित करने से नहीं छोड़ता। समाज की इन्ही बातो से बचने के लिए अक्सर महिलायें अपना अधिकार छोड़ देती हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा की महिलाओ को हक़ देने वाले कानून इधर उधर बिखरे नजर आते हैं। कानून की जटिलताओं और जागरूकताओं की कमी के कारण महिलायें अपने अधिकारों का उपयोग नहीं कर पाती हैं