उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सावित्री बाई फुले नारीवादियों में से एक मानी जाने वाली, वह और उनके पति ज्योतिराव फुले का मानना था कि शिक्षा ही एकमात्र साधन है जिसके द्वारा महिलाएं सदियों के अन्याय से मुक्त हो सकती हैं। पुणे के भिडेवाड़ा नामक स्थान पर लड़कियों के लिए पहला स्कूल बनाने के उनके प्रयासों ने महिलाओं की आवाज उस समय उठाई जब महिलाओं का अस्तित्व लगभग नकार दिया गया था।