उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से साक्षी तिवारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की लैंगिक असमानता हमारे समाज के लिए एक चुनौती है।एक ऐसी सोच है जो सभी को हमारे बुनियादी अधिकारों, अवसरों और सामाजिक स्थिति में समान मानती है। समानता का मूल अर्थ किसी व्यक्ति के साथ उसकी जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव करना नहीं है। लैंगिक असमानता न केवल महिलाओं बल्कि पूरे समाज को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। और घर पर लिए जाने वाले निर्णयों में महिलाओं की कोई भूमिका नहीं होती है। महिलाओं को शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं और पुरुषों के काम में बहुत अंतर है।