भारत के एक राज्य, तेलंगाना के अस्पताल में भर्ती रोगियों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, अन्य बीमारियों के मुकाबले तपेदिक (टीबी) से ग्रसित बच्चों में विटामिन डी की कमी अधिक आम है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि विटामिन डी की कमी का एक गंभीर रूप 10 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर (एनजी / एमएल) से कम वाले टीबी से ग्रसित बच्चों में अधिक देखी गई।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे लाखों युवा इसके लिए रोजाना अलग-अलग वेबसाइट्स और अखबारों को खंगालते हैं. कई बार उन्हें काम की जानकारी मिलती है, जिससे वो वेकेंसी के लिए आवेदन करते हैं. हालांकि कई बार सोशल मीडिया या फिर किसी फर्जी वेबसाइट के चक्कर मे फंस जाते हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास बसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर में तेजी से ओजोन प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है। इसके अलावा इस क्षेत्र में कई और प्रकार के प्रदूषक भी तेजी से अपने पैर पसार रहे हैं। समय रहते यदि इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो भविष्य में आमजन के स्वास्थ्य के लिए एक भयावह संकट पैदा हो सकता है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की एक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 और 2020-21 के बीच देश भर में हुईं 217 प्रमुख ट्रेन दुर्घटनाओं में से चार में से लगभग तीन घटनाएं ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हुईं.भारतीय रेलवे में पटरी से उतरने का ऑडिट रिपोर्ट दिसंबर 2022 में संसद में पेश की गई थी। ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

पशुपालकों के लिए साल 2022 बेहद दिक्कत भरा रहा। लंपी त्वचा रोग ने पशुपालकों की कमर ही तोड़ दी। मई 2022 से देश में लंपी का प्रकोप ऐसा फैला कि मार्च 2023 तक 1.86 लाख पशुओं की मौत हो चुकी है, जबकि 32.80 लाख पशु इस रोग के शिकार हो चुके हैं।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की वजह से भारत में 74 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी खोने का डर सता रहा है। भारत में किए गए सर्वेक्षण में तीन चौथाई से अधिक लोगों ने कहा कि वे लोग चिंतित हैं कि एआई उनकी नौकरी की जगह ले लेगा। माइक्रोसॉफ्ट वर्क ट्रेंड इंडेक्स 2023 रिपोर्ट के अनुसार, 90 प्रतिशत भारतीय नियोक्ताओं का कहना है कि वे जिन कर्मचारियों को नियुक्त करते हैं, उन्हें एआई के विकास के लिए नए कौशल सीखने की आवश्यकता होगी। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

नमस्कार आदाब श्रोताओं, मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा सीएचएसएल के पदों पर काम करने के लिए इच्छुक हैं।इन पदों में लोअर डिवीजन क्लर्क/जूनियर सचिवालय सहायक, डाक सहायक/छंटनी सहायक एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर शामिल है.  वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से इंटरमीडिएट पास किया हो। इसके साथ ही उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष से 27 वर्ष तक होनी चाहिए। आवेदन शुल्क सामान्य/ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस के लिए 100 रुपए एवं एससी/एसटी/पीडब्ल्यूडी के लिए निशुल्क रखा गया है। इन पदों पर वेतनमान नियम अनुसार दिया जाएगा। इच्छुक उम्मीदवार अपना आवेदन ऑनलाइन भर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आवेदनकर्ता इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट है https://ssc.nic.in/. आवेदन कर्ता का चयन ऑनलाइन परीक्षा, स्किल टेस्ट में प्रदर्शन के अनुसार किया जाएगा। याद रखिए इन पदों पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 08-06-2023. है। तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक का बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं।

डिजिटलाइजेशन के इस दौर में लोगों के मोबाइल पर कई तरह की खबरें या दावे वायरल होते ही रहते हैं। इसमें कई सच्चे होते हैं वहीं कई भ्रामक होते हैं। ऐसे में यूजर्स के सामने यह मुश्किल खड़ी हो जाती है कि वह किस को सही माने और किसे गलत। इन दिनों ऐसा ही एक दावा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

मध्य रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल और महाराष्ट्र पुलिस ने बुधवार को बिहार-पुणे ट्रेन में अभियान चलाकर 59 बच्चों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया।इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ मानव तस्करी विरोधी कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा निर्धारित मानकों का कथित रूप से उल्लंघन करना मेडिकल कॉलेजों को भारी पड़ गया। तय मानकों का पालन नहीं करने के कारण पिछले दो महीनों में देशभर के करीब 40 मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रद्द हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस लिस्ट में कई और कॉलेजों की मान्यता रडार पर हैं।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।