देश के कई राज्यों में मॉनसूनी बारिश अपने चरम पर है, कहीं बारिश का पानी घरों में घुस रहा है तो कही बाढ़ आ गई है। पहाड़ी राज्यों की बात करें तो यहां भारी बारिश का दौर जारी है, कई सड़कें भूस्खलन के चलते अवरुद्ध हो गई हैं। मौसम विभाग के  बारिश की जानकारी वाले हिस्से  को देखें तो कल, यानी नौ जुलाई को देश के कई इलाकों में 60 फीसदी या उससे अधिक बारिश दर्ज की गई है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

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वैश्विक स्तर पर बढ़ता तापमान नित नए रिकॉर्ड बना रहा है। जुलाई में अल नीनो के आगाज के साथ ही बढ़ते तापमान ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इस बारे में अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल प्रिडिक्शन (एनसीईपी) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार चार जुलाई 2023 को अब तक का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया था। जब वैश्विक औसत तापमान 17.18 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। बढ़ते तापमान की यह प्रवत्ति पांच जुलाई 2023 को भी जारी रही। गौरतलब है कि इससे पहले तीन जुलाई 2023 को औसत तापमान 17.01 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मतलब की जुलाई 2023 के शुरूआती सप्ताह में ही लगातार तीन दिनों से वैश्विक औसत तापमान 17 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक संदेश तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार ने नागरिकों को कुछ दिनों के लिए कोल्ड ड्रिंक पीने से परहेज करने की सलाह दी है, क्योंकि ये इबोला वायरस से संक्रमित है। आखिर ये दावा किस हद तक सही है आइए जानते हैं।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।  

भारत में लगातार कोविड-19 के सक्रिय मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। 05 जुलाई 2023 को सक्रिय मामलों की संख्या 1,453 के आसपास बनी रही। 04 जुलाई 2023 की सुबह आठ बजे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में सक्रिय मामलों की संख्या 1,468 थी, जबकि 03 जुलाई को इनकी संख्या 1,475 दर्ज की गई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 56 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 69 लोग कोविड-19 से उबरे हैं। पिछले 24 घंटों में महामारी से एक की मौत हुई है।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

उत्तराखंड राज्य शिक्षा विभाग द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चला है कि स्वीकृत प्रिंसिपल पदों में से 67 प्रतिशत से अधिक पद खाली पड़े हैं.रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के वर्षों में पदोन्नति की कमी के कारण माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत ये पद खाली हैं.बताया गया है कि प्रिंसिपल पद पर नियुक्ति केवल प्रमोशन के जरिये ही हो सकती है और पिछले चार सालों में ऐसा नहीं हुआ है, जिसके कारण सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल के बहुत सारे पद खाली हैं.अखबार ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के हवाले से कहा कि ‘यह मामला फिलहाल अदालत में विचाराधीन है.इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

देश के दक्षिणी प्रायद्वीप में जून 2023 में केवल 88 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 1901 से लेकर अब तक के मौसमी इतिहास में सबसे कम रही। इससे पहले 1976 में 90.7 मिमी बारिश हुई थी।यह जानकारी 4 जुलाई 2023 को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जून माह की क्लाइमेट समरी में दी गई है।आईएमडी के मुताबिक पूरे देश में दीर्घकालिक अवधि के औसत के मुकाबले लगभग 10 प्रतिशत कम बारिश हुई है।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक लेटर तेजी से वायरल हो रहा है. यह पत्र सरकार की मुद्रा-लोन योजना से संबंधित है. इस पत्र में बाकायदा बेंगलुरु का एक एड्रेस भी दिया हुआ है और मुद्रा लोन योजना के नाम की मुहर भी लगी हुई है. साथ ही यह दावा भी किया गया है कि यह एक लाख रुपए के मुद्रा लोन का अप्रूवल लेटर है. इस लेटर के मुताबिक अगर 1750 रुपए दिए जाएं तो बदले में मुद्रा लोन के 1 लाख रुपए मिलते हैं. इस 1750 रुपए को प्रॉसेसिंग फीस बताया गया है. इस वायरल लेटर में एक सरकारी पत्र के होने की सभी शर्तें लगभग पूरी की गई हैं.

भारत में लगातार कोविड-19 के सक्रिय मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। कल यानी 02 जुलाई 2023 को सक्रिय मामलों की संख्या 1,490 के आसपास बनी हुई थी । 01 जुलाई 2023 की सुबह आठ बजे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में सक्रिय मामलों की संख्या 1,513 थी, जबकि 30 जून को इनकी संख्या 1,533 दर्ज की गई थी।

मॉनसून के असामान्य वितरण और बिपरजॉय चक्रवात ने खरीफ की फसलों पर खासा असर डाला है। एक ओर जहां खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान के रकबे में 26 फीसदी कमी आई है, वहीं राजस्थान में बाजरे के रकबे में लगभग दोगुना बढ़ोतरी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान में जून महीने में हुई 188 फीसदी अधिक बारिश ने किसानों को काफी फायदा पहुंचाया है। हालात यह हैं कि अगर राजस्थान में बंपर बुआई न होती तो देश में खरीफ की बुआई का कुल आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले काफी कम रह सकता था।खबर को पूरा सुनने के लिए ऑडियो लिंक पर क्लिक करें.