सुनिए एक प्यारी-सी लोरी। हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में कई भाषाओं की लोरियां गाई जाती है। इनकी मदद से आप अपने बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास को बेहतर कर सकते है।आज की लोरी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये लोरी सुनी? क्या आपके पास भी कोई प्यारी-सी लोरी है? तो अपनी आवाज़ में रिकॉर्ड करें, फ़ोन का नंबर 3 बटन दबाकर।

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सुने एक कविता ,मछली जल की रानी है

नमस्सानवाजा जिले पुचे है से आता है मैंने पूजा कुमार सिंह को केरल के गाँव में सुना था , विष्णु एक कुम्हार थे , विष्णु बहुत गरीब थे लेकिन उन्हें दाता के रूप में लाने का समय था । वह हर दिन दो लोगों को खिलाने के लिए अपने घर लाता था । घर पर खाने की परंपरा हो या न हो , दूसरों को खाना खिलाना उनका धर्म माना जाता था । उनकी पत्नी लक्ष्मी को उनकी यह आदत पसंद नहीं थी , लेकिन वह किसी न किसी तरह से घर देती थी , कभी पड़ोसियों से चारा उधार लेती थी , कभी एक दिन सब्जियां । उनका चौक कब तक इस तरह काम करेगा , पड़ोसी भी उनसे नाराज हैं , वह अन्यथा मान लेते । लेकिन वास्तव में कोई भी इतना कमजोर नहीं था कि उसकी पत्नी कई दिनों तक भूख से मर जाए । फिर उनमें हिम्मत नहीं हुई , इसलिए उन्होंने अपने पति से बात करने का फैसला किया । उसने पश्नु कोडी से कहा कि वह अब हर दिन किसी न किसी को लाता है ।

सभी को नमस्कार , मैं नवादा से तारानाथ विग हूँ और हमारे साथ संगोबारा स्कूल की एक लड़की है जो कविता पढ़ना चाहती है । मेरा नाम अंशु कुमार है । मेरा घर कविता है ।

सभी को नमस्कार , मैं नादिर नवादा से तारा हूं और हमारी एक बच्ची है , हम संगोवर के एक स्कूल में आए हैं , इसलिए वह एक कविता बोलो अपना नाम अनुष्का कुमार जी हर संगोवर देश की माटी देश का जलवा दे जस्सी था सर पढ़ना चाहती है । बीमार पड़ना और बीमार पड़ना आसान है ।

बिहार राज्य के नवादा ज़िला से पूजा कुमारी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बच्चों की एक लोरी सुना रही है

नमस्कार कवि , मैं एच . पी . के . कुमार जी हूँ , मैं अमरावती रोमा हूँ । आपके सामने एक कविता है । कविता का नाम श्रीबुली दोपान है । एक तालाब में , श्रीबुली डोपान अपने माता - पिता , अपने दूसरे भाई और बहन के साथ रहती थी ।

सिल को नमस्कार मेर नाम पंक कुमार है नावत अमर बानी फिश चक्की नानी है जेक कचापानी है हाथधा दर जाएगी बहन कर लो मरायेगी ।

सभी को नमस्कार , पानी बचाने के बाद भी पानी से बाहर नहीं निकलने वाली मिनाना किंकुमारी नवाजा मौहलवा नीचे चली गई हैं ।