बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से किरणबाला सहाय से हुई। ये कहती है कि ये आशा के कार्य के लिए आवेदन दी और इसी के माध्यम से वो घर से बाहर कदम रखी। शुरूआती दौर में समस्या होती थी ,महिलाएँ बुरा व्यवहार करती थी। परिवार में भी बोला जाता था कि दिनभर घर से बाहर रहने पर घर कार्यों में बाधा आती है। लेकिन धीरे धीरे ये घर के अंदर और बाहर की जिम्मेदारियाँ अच्छे से निभाने लगी