सभी को नमस्कार , सुनीता कुमारी , नवादा मालवानी से बात कर रही हैं , कुछ लोरी पढ़ने जा रही हैं । राम सुनसन नन है लोरी की धू सुनसनों है लोरी की धुन हो जामी थे सपनों में घूम । मधुर स्वप्नों में खो जाएँ , आप मेरे सूर्य हैं , आप मेरे चंद्रमा हैं , आप मेरे सूर्य हैं , आप मेरे चंद्रमा हैं , आप मेरे चंद्रमा हैं । मेरी आँखों के तारे को सुनो , मेरी आँखों के तारे को सुनो , शोर को सुनो , लोरी के शोर को सुनो । मन है लोरी की धुन हो जामी थे सपनों में हो जा थे सपनों में गम मेरे लाड लो तुझको । मुझे आपको ऊपर उठाने दें , या आपको पंखों से सोने दें , मैं आपको अपने सितारों के शहर से बाहर बुलाता हूं ।