नमस्कार कवि , मैं एच . पी . के . कुमार जी हूँ , मैं अमरावती रोमा हूँ । आपके सामने एक कविता है । कविता का नाम श्रीबुली दोपान है । एक तालाब में , श्रीबुली डोपान अपने माता - पिता , अपने दूसरे भाई और बहन के साथ रहती थी ।
नमस्कार कवि , मैं एच . पी . के . कुमार जी हूँ , मैं अमरावती रोमा हूँ । आपके सामने एक कविता है । कविता का नाम श्रीबुली दोपान है । एक तालाब में , श्रीबुली डोपान अपने माता - पिता , अपने दूसरे भाई और बहन के साथ रहती थी ।