झारखंड राज्य के जिला सिमडेगा से शुभम कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से गुलगुल्ला बनाने की रेसिपी बता रहे है। गुलगुल्ला बनाने के लिए 3 कटोरी आटा, 1 चम्मच सौंफ , 2 चम्मच नमक, 1 चम्मच मीठा सोडा , 100 ग्राम गुड़ , सरसों तेल 2 बड़ी चम्मच सभी सामग्री को किसी बर्तन में मिलाएंगे और घोल बना लेंगे न ज्यादा पतला न ज्यादा मोटा होना चाहिए , इसमें पानी मिलाएंगे फिर अच्छे से सभी को मिलाएंगे और इसके छोटे छोटे लोई बना लेंगे , उसके बाद कढ़ाई में सरसों तेल को गर्म करेंगे , फिर उसमे जो उस लोई को डाल देंगे और फ्राई करेंगे। कुछ देर फ्राई करने के बाद निकाल लेंगे और इस तरह गुलगुल्ला बनकर तैयार हो जायेगा।

नमस्कार श्रोताओं , मेरा नाम श्वेता है और मैं रांची , झारखंड से बात कर रहा हूँ । आइए दोस्तों , आज हम जानते हैं कि मडवा में मडवा केक बनाने की विधि बहुत पौष्टिक होती है । आपको इसके बारे में पता होना चाहिए । बरुआ का आटा , एक चम्मच अंडे की सफेदी , जो चार अंडे हैं , हम चूर्ण चने का आटा , चूर्ण चीनी , एक कप वैलिना अर्क , एक चम्मच बेकिंग सोडा , आधा सोडा लेंगे । सुमच काजू किशमिश और चेरी एक कटोरी बारीक कटा हुआ परिष्कृत या मक्खन लेते हैं एक कप लेते हैं अब हम जानते हैं कि इसे बनाने की विधि पहले काजू के आटे को अच्छी तरह से छानना है । हम सभी सामग्रियों को मिलाएँगे और एक गाढ़ा घोल बनायेंगे । हम इस तैयार बैटर को कम से कम दो घंटे के लिए एक एयर - टाइट कंटेनर में रखेंगे , जिसके बाद हम बैटर को एक इतालवी सांचे में भाप देंगे ।

नमस्कार श्रोताओं , मेरा नाम श्वेता है और मैं रांची , झारखंड से बात कर रहा हूँ । आइए दोस्तों , आज हम मुंगा के फूल का कबा बना रहे हैं , इसलिए हम जानते हैं कि इसे बनाने के लिए किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है । उबले हुए आलू दो बारीक कटे प्याज दो हरी मिर्च हरी मिर्च दो बारीक कटी हुई अदरक और लहसुन आधा कटोरा धनिया के पत्ते आधा कटोरा काली मिर्च धनिया जीरा पाउडर एक चम्मच नमक लें । स्वाद के अनुसार लें और तलने के लिए तेल लें , इसे बनाना जानते हैं , मूंगफली को उबालकर रखें , फिर एक बड़े कटोरे में मूंगफली के साथ सभी सामग्री मिलाएं ।

नमस्कार श्रोताओं , मेरा नाम श्वेता है और मैं रांची , झारखंड से बात कर रहा हूँ । आओ दोस्तों , आज हम मडवा के मालपुआ बनायेंगे । हम इसे बनाने के लिए एक कप गेहूं का आटा लेंगे । केले एक लेंगे शहद सो ग्राम लेंगे चीनी एक चश्नी के लिए आइए इसे पहले दूध के केले और शहद के साथ गेहूं का आटा मिलाकर अच्छी तरह मिलाएं । इसे ठीक करें , फिर गैस पर चीनी के साथ एक कड़ाही बनाएं , कड़ाही को हटा दें और उसमें संतरे का रस डालें , अब इसमें मालपुए डालें , इसे डुबो दें और स्वादिष्ट मालपुए तैयार हो जाएंगे ।

नमस्कार श्रोताओं , मेरा नाम श्वेता है और मैं रांची , झारखंड से बात कर रहा हूँ । आइए दोस्तों , आज हम जानेंगे कि तिल गुड़ बर्फी कैसे बनाई जाती है । यह सर्दियों के लिए बहुत अच्छा है । तिल तो तिल की बर्फी । तिल की बर्फी बनाने के लिए दो सौ पचास ग्राम तिल , दो सौ पचास ग्राम गुड़ , आधा चम्मच मूंगफली , आधा चम्मच हल्दी , चार चम्मच इलायची पाउडर बना लें । हम इसके लिए पानी और दो टी - शर्ट पुलेंज घी कटा हुआ मेवा भी ले सकते हैं , तो आइए इसके लिए एक नुस्खा बनाते हैं । सबसे पहले हम 250 ग्राम सफेद तेल और जो गुड़ हमने लिया है , उसे लेंगे । पैन में गैस मिलाएं और डालें और इस तिल को धीमी आंच पर रखें , इसे अच्छी तरह से भूल जाएं और लगातार हिलाते रहें , दो मिनट के बाद गैस बंद कर दें और प्लेट से भुने हुए तिल निकाल कर ठंडा करें । अब हम बुने हुए तिल को एक ग्राइंडर में या एक सिल्वेट पर पीसेंगे , हम इसे पीसकर पाउडर बना लेंगे , अब हम एक प्लेट में तिल का पाउडर निकालेंगे , अब इसे पीस लेंगे । इंदर चार में , हम मूंगफली को भी पीसेंगे , हम एक पाउडर बनायेंगे , और हम मूंगफली के पाउडर को एक प्लेट में तिल के पाउडर के साथ मिला देंगे । अब हम आधा चम्मच इलायची पाउडर लेंगे । हमने ऑर्डर लिया और इसे अच्छी तरह से मिलाया । अब हम एक पैन में पानी लेंगे और उसमें गुड़ मिलाएँगे । फिर हम इसमें घी डालेंगे । हम इसे अच्छी तरह से मिलाएँगे और गुड़ को पिघलाते हुए पिघलाएँगे । एक थाली लें और उसमें घी निकालें , उसमें घी डालें और चिकना करें , गुड़ पीसकर और उबलाने के बाद गैस बंद करें , पैन में तेल का पाउडर डालें और अच्छी तरह मिलाएं । इसे एक थाली में निकालें और इसे अच्छी तरह से फैलाएं , अब इसे कटे हुए सूखे मेवों से सजाएं , जब बर्फी थोड़ी गर्म हो जाए , तो उस पर कट के निशान बनाएं और इसे सेट होने दें ।

नमस्कार श्रोताओं , मेरा नाम श्वेता है और मैं रांची , झारखंड से बात कर रहा हूँ । आज मैं आपको झारखंड की एक रेसिपी के बारे में बताना चाहता हूं जिसे पिठा कहा जाता है । कई प्रकार के पीठ हैं , जैसे चनेदार । हल का पिठा आलू का पिठा बीवी का पिठा या गुड़ का पिठा भी बनाया जाता है , आप इसे अपनी पसंद के अनुसार बना सकते हैं और लोगों को यह बहुत पसंद आता है । यह ठंड के मौसम में बनाया जाता है , तो आइए जानते हैं पिठा बनाने की सामग्री और विधि । इसके बारे में जान लें कि एक चम्मच हरी चाय का स्वाद लेने के लिए एक किलोग्राम चावल का आटा और पचास ग्राम आलू - दो चम्मच सरसों का तेल - एक चम्मच जीरा - दो चम्मच अदरक लहसुन मिर्च पेस्ट नमक लें । धनिया के पत्ते , सौ ग्राम मटर , पचास ग्राम परिष्कृत तेल , जितनी जल्दी हो सके , हम इन सामग्रियों का उपयोग आटा बनाने के लिए करेंगे , तो अब आटा तैयार करते हैं । सबसे पहले , हम पिठा का आटा बनायेंगे और उसमें दो गिलास पानी डालकर तैयार करेंगे । पानी निकलने के बाद हम उसमें चावल का आटा डालेंगे । पाँच से दस मिनट तक दौड़ते रहें , दौड़ते रहें , रुकें नहीं , यदि आप रुकते हैं , तो यह ठोस हो जाएगा , दौड़ते रहें , इसे गोंद की तरह चलाएं , ताकि यह चिपक जाए , और फिर गैस बंद कर दें । अब हम मिश्रण तैयार करेंगे , फिर हम इसके लिए भराई तैयार करेंगे , उदाहरण के लिए , आलू के मसाले , आधा किलो उबले हुए आलू लें , इसे मिलाएं और गैस चालू करें । हम उबलेंगे और दो बड़े चम्मच सरसों का तेल , एक बड़ा चम्मच जीरा , अदरक , लहसुन , मिर्च का पेस्ट डालेंगे जो हमने तैयार किया है । हम मटर और मटर डालेंगे , हम इसे कुछ मिनट के लिए कम गर्मी पर पकाएंगे , फिर हम मटर लेंगे , हम धनिया के पत्ते लेंगे , हम उन्हें भी ऊपर रख देंगे , फिर आलू तैयार है , फिर यह पेस्ट । उसके बाद , हम आटा लेंगे और चावल के आटे की छोटी - छोटी गेंदें बनायेंगे जो हमने तैयार की हैं और उन्हें गुजिया जैसे छोटे जामुन देंगे , जैसे हम इसमें मसाले का मिश्रण डालते हैं , जैसे हम आलू का पेस्ट देते हैं । हम इसे भाप देंगे , हम भाप लेने के लिए एक बर्तन लेंगे , हम नीचे पानी लेंगे और जैसे हम इडली बनाते हैं , हम बर्तन लेंगे और नीचे पानी देंगे । जो आलू हमने बनाया है उसे हम आटे में दस मिनट के लिए डाल देंगे , हम उसे गैस पर डाल देंगे क्योंकि यह भाप में बनाया जाता है , इसलिए यह बिना तेल के बहुत अच्छा है , लेकिन जो इसे तलकर खाना चाहते हैं ।

झारखण्ड राज्य के जिला सिमडेगा से शुभम कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से बेंग साग की शरबत बनाने के बारे में बताना चाहते है , इसलिए इसे बनाने के लिए हमें एक कटोरी बेंग साग और फिर दो गिलास मिश्री लेनी होगी ।बेंग साग से जड़ों को अलग कर लें ,साग को पानी में भिगो दे। थोड़ी देर बाद साग को धो लें। सिलोट या मिक्सी में बेंग साग को अच्छी जरूरत के अनुसार पानी डाल कर पीस लें। पीसे हुए पेस्ट को एक बर्तन में रख लें। एक बर्तन मे दो गिलास में पानी डाल लें। इसमें बेंग साग का पीसा हुआ पेस्ट डाल दें। चम्मच की शाहयता से पेस्ट को पानी में घोल लें , स्वाद के अनुसार मिश्री और हल्का नमक डालें। उसे अच्छी तरह चम्मच से चला लें। इस घोल को छान लें। और इस तरह बेंग साग का शरबत तैयार हो जायेगा।

झारखण्ड राज्य के जिला सिमडेगा से शुभम कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से कटाई साग का माड़ झोर बनाने की विधि बताना चाहते है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले देहाती चावल , कटाई का सूखा साग , प्याज , लहसुन , टमाटर , मिर्च , नमक , तेल , हल्दी , ले लें। चावल को पका कर माड़ एक बर्तन में रख लें। प्याज़ , टमाटर , मिर्च को काट लें , लहसुन को हल्का कूट लें। चूल्हे पर मध्यम आंच पर कढ़ाई चढ़ा लें। कढ़ाई के गर्म होने पर तेल डालें , तेल के गर्म होने पर प्याज , लहसुन , मिर्च डाल कर करछुल से चला लें , फिर इसमें थोड़ी हल्दी डाल दें , प्याज , लहसुन के हल्का लाल होने पर टमाटर डाल कर पकने दे , टमाटर के पकने के बाद ,माड़ डाल कर उबाल आने दें। उबाल आने पर स्वाद के अनुसार नमक डाल दें , अब माड़ में सूखा हुआ कटाई साग धीरे धीरे डाल कर करछुल से चला लें , थोड़ी देर बाद साग के पकने के बाद गैस बंद कर दें। और इस तरह कटाई साग का माड़ झोर बनकर तैयार हो जायेगा।

झारखण्ड राज्य के जिला सिमडेगा से शुभम कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से बेंग साग के हरी पत्ती की चटनी बनाने के बारे में बताना चाहते है, इसे बनाने के लिए बैंग साग लें , साग को जड़ों से अलग करें , अच्छी तरह से धो लें , टमाटर को काट लें , अदरक और लहसुन को छील लें और सभी सामग्रियों को एक - एक करके मिक्सी में डाल दें ।उसके बाद स्वाद के अनुसार नमक डालें , सभी सामग्रियों को पीस लें , अगर सभी सामग्रियां अच्छी तरह से पिसी नहीं हैं तो फिर से पीस लें और पिसी हुई चटनी को एक बर्तन में रखें और इस तरह बेंग की हरी पत्तियों की चटनी तैयार हो जाएगी ।

झारखण्ड राज्य के जिला सिमडेगा से शुभम कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से कोनार फूल की कली से नुस्खा बताना चाहता हूँ । प्याज , मिर्च , टमाटर , हल्दी , लहसुन , नमक , तेल एकत्र करें और एक चम्मच से कोनार के फूल और कली को तने से अलग करें । उस कोनार के फूल को अच्छे तरह से धो लें फिर प्याज , मिर्च , टमाटर काटें , लहसुन को हल्का कूट लें फिर , गैस स्टोव चालू करें , कोनार के फूल को कड़ाही में डालें, पानी डालें और कोनार के फूल को पकाएं । इसे पकने दें , ढक्कन से ढक दें , पंद्रह मिनट के बाद ढक्कन खोलें और चम्मच से फूल को दबाएं ताकि यह देखा जा सके कि फूल दबा रहा है या नहीं ।यदि फूल दब रहा है तो मतलब वह पक गया है। फिर गैस बंद कर दें । कोनार के फूल को दो से तीन बार ठंडे पानी से धोएँ । अपने हाथ से कोनार के फूल को दबाकर उसमे से पानी निकाल दें । कोनार के फूल को अपने हाथ से मैश कर लें । कड़ाही के गर्म होने पर उसे गैस के चूल्हे पर रख दें । तेल गर्म करें , प्याज , लहसुन , हरी मिर्च डालें और भूनें । टमाटर पकने के बाद , कोनार फूल डालें , स्वाद के लिए नमक डालें , कोनार फूल को अच्छी तरह से भूनें और कोनार फूल तैयार हो जाएगा ।