झारखंड राज्य के सिमडेगा से जिला से शुभम कुमार मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे बांस एक महत्वपूर्ण पौधा है. इसके उपले अर्थात करील का उपयोग कई प्रकार के व्यंजन बनाने में भी किया जाता है. साथ ही बांस के कई औषधीय गुण भी है. इसके सेवन से कई तरह की समस्याएं दूर होती है. खून को साफ करने, कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण करने, पेट के कीड़े मारने, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, गठिया रोग, त्वचा एवं बाल तथा हड्डी के वृद्धि एवं हृदय रोगियों के लिए लाभकारी है, साथ ही शरीर की लंबाई बढ़ाने में भी करील बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसको बनाने के लिए बाँस करील ढाई सौ ग्राम ,एक टमाटर ,दो बड़ा प्याज,दो साबुत मिर्च ,एक चमच्च हल्दी ,नमक स्वादानुसार ,दो बड़े चमच्च सरसो तेल ,एक चमच्च काला सरसो, एक चमच्च काला सरसो जीरा छोटा टुकड़ा अदरक ,एक कलि लहसुन । इसको बनाने के लिए सबसे पहले बाँस करील को लंबा लंबा काट लेंगे एक कढ़ाई में सरसों का तेल गरम कर लेंगे ,जीरा और काला सरसों डालेंगे इसे थोड़ा चटकने देंगे फिर उसमे दो तीन मोटा काटा हुआ प्याज डालेंगे प्याज को ब्राउन नहीं करना है बस 1 से 2 मिनट इसे भून लेते हैं कटा हुआ बांस करील डालेंगे 5 मिनट के लिए हम कवर कर लेते हैं इसके बाद इसमें अदरक-लहसुन लाल मिर्च जीरा और काली मिर्च डालना है,स्वादानुसार नमक डालेंगे, हल्दी पाउडर भी डालना है। इसको भुनने में 40 से 50 मिनट लग जाता है आप यहां पर लाल मिर्च पाउडर का भी उपयोग कर सकते हैं इसको सुन्दर दिखने के लिए।