बानो प्रखंड के पबुड़ा गांव की शांति देवी बत्तख पालन कर आत्मनिर्भर बन रही है वह मेहनत व लगन के साथ बत्तख पालन कर अच्छी आय अर्जित कर रही है वर्ष 2014 में जब जेएसएलपीएस के तहत समूह का गठन किया जा रहा था उसी समय शांति देवी समूह से जुड़ी और 10-10 रुपए हर सप्ताह समूह में बचत शुरू की समूह में जुड़ने से पहले परिवार की स्थिति ठीक नहीं थी खेती-बाड़ी से आजीविका चलती थी परिवार का भरण पोषण भी मुश्किल से हो पता था परिवार में अन्य खर्च के लिए समूह से ऋण लेकर गुजारा चलता था इसी बीच बानो आजीविका उत्पादक समूह के हार्डविंग सेंटर से बतख चूजा का वितरण किया जा रहा था उसी समय शांति देवी ने 50 चूजा 3750 में खरीदा फिर कुछ महीने के बाद बतखो ने अंडा देना शुरू किया गांव वालों को पता चला तो वह घर से ही ₹10 की दर से अंडा खरीदने लगे इस प्रकार घर से ही उसका अंडा का व्यापार चल निकाला उन्होंने अंडा बेचकर लगभग 16000 रुपए कमाए उसके बाद बतखो को बेचकर ₹20000 की आमदनी की इसके साथ उसका मनोबल बढ़ा दूसरी बार वह खुद अपना हार्डनिंग सेंटर चलाने के लिए तैयार हुई और 500 बतख रख कर पालन शुरू किया अब शांति देवी बत्तख व अंडा उत्पादन में काफी आगे बढ़ चुकी है क्षेत्र में उनके व्यापार का काफी प्रचार हो रहा है अंडे की मांग सिमडेगा शहर तक होने लगी है व्यापार को बढ़ाने के लिए शांति देवी तालाब भी बनाने में जुट गई है साथ ही सेंटर को बढ़ाने के लिए वह घर भी बना रही है शांति देवी ने बताया कि उनका सपना है कि सेंटर में ही चूजा निकाल कर दूसरे सेंटर में चूजा वितरण करें इसके लिए वह मशीन का आर्डर दे चुकी है साधारण महिला से शांति देवी अब तक की सफर सभी ग्रामीण महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत है
