जिले में नहीं पढी़ लिखी महिला भी अपनी सहानुभूति के अनुसार काम करती है। पढी़ लिखी महिला को असहानुभूति महसूस करा रही है जिसे हमारा जिला पीछे होते जा रहा है।
जिले में नहीं पढी़ लिखी महिला भी अपनी सहानुभूति के अनुसार काम करती है। पढी़ लिखी महिला को असहानुभूति महसूस करा रही है जिसे हमारा जिला पीछे होते जा रहा है।