राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने एक पदाधिकारी द्वारा जातिगत सर्वे का विरोध किए जाने के कुछ दिन बाद गुरुवार को कहा कि इस तरह की कवायद का इस्तेमाल समाज के समग्र विकास के लिए किया जाना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सामाजिक सद्भाव और एकता को कोई नुकसान न हो। आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ किसी भी भेदभाव और विषमता से मुक्त सामाजिक न्याय पर आधारित हिंदू समाज के लक्ष्य को लेकर काम करता है। जाहिर है, देश में जाति सर्वे को लेकर राजनीतिक दलों के बयानों के बीच संघ इस बहस में खुद को शामिल नहीं करना चाहता लेकिन संघ के एक पदाधिकारी के बयान के बाद संघ को रुख साफ करना पड़ा। जातिगत सर्वे पर संघ ने संतुलित रुख दिखाने की कोशिश की है। सूत्रों के मुताबिक मार्च में होने वाली संघ की प्रतिनिधि सभा में भी जातिगत सर्वे पर प्रस्ताव आ सकता है लेकिन यह इसके पक्ष या विरोध में न होकर सामान्य प्रस्ताव होगा। संघ की प्रतिनिधि सभा संघ की फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।