स्थानीय नीति विधेयक बिना किसी संशोधन के पारित, झारखंड में 1932 के खतियान… भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिना संशोधन के बिल पारित करने का प्रस्ताव रखा। विधेयक पास होते ही सत्ता पक्ष ने जय झारखंड के नारे लगाए