तामडा़ के जतरा मेला में पूर्व में कठपुतली नाच का आयोजन किया जाता था जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते थे या कार्यक्रम बीरू के नायक समुदाय द्वारा किया जाता था लेकिन धीरे-धीरे यह संस्कृति व परंपरा विलुप्त हो गई है
तामडा़ के जतरा मेला में पूर्व में कठपुतली नाच का आयोजन किया जाता था जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते थे या कार्यक्रम बीरू के नायक समुदाय द्वारा किया जाता था लेकिन धीरे-धीरे यह संस्कृति व परंपरा विलुप्त हो गई है