झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सोनी कुमारी जानकारी दे रहे हैं की मौसम परिवर्तन के कारण फ़सलें प्रभावित हो रही है। जमीन में नमी के कारण किसानों को खेती करने में दिक्कत हो रही थी। अचानक हुई बारिश से फसलों को भी फायदा हुआ है। लेकिन बदलते मौसम में बच्चे अधिक बीमार हो रहे हैं
झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता भाग्यरथी जानकारी दे रहे हैं की बदलते मौसम के कारण कई समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे ज्यादा बीमार हो रहे हैं। इसके साथ ही वायरल बुखार भी कई दिनों के बाद ठीक हो रहा है
झारखंड राज्य के गिरिडीह ज़िला से मोबाइल वाणी संवाददाता ओमप्रकाश जानकारी दे रहे हैं की अभी के अपेक्षा पहले मौसम में बदलाव बहुत कम होता था। पहले वर्षा बहुत जल्दी-जल्दी होती थी। लेकिन अब वर्षा बहुत कम होती है।अभी दूसरी खेती करने का सोच रहे हैं। लेकिन वर्षा नहीं होने के कारण किसान खेतों में नई फसल नहीं लगा पा रहे हैं। इसके साथ ही बीमारियाँ भी बहुत ज्यादा बढ़ रही है
झारखण्ड राज्य, बगोदर ब्लॉक के टुकटुको से राजकुमार दास मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहें हैं कि, मौसम परिवर्तन के कारण मौसम तेज़ी से बदल रहा है। जैसे की अचानक सर्दी के बाद काफी तेज़ धुप निकलने के कारण लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ा। जब की ये मौसम पहले नहीं हुआ करता था और इस परिवर्तन का कारण जंगल की कटाई है लोग जंगल काफी तेज़ी से काट रहें हैं। जबकि जंगल के कारण ही बारिश होती है। लोग इसी बात को नहीं समझ नहीं पा रहें हैं और लोगों को ये बात समझ कर जंगल को बचाना होगा
झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला के से मलय रीतलाल सिंह ने बताया की तीन चार साल से बारिश कम हो रही है। जिसके कारण वे अपने खेत में कुछ भी खेती नहीं कर पाए है। उनका कहना है की जंगल के कट जाने के कारण बारिश नहीं हो रही है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता राजेश कुमार ने त्रिभुवन दयाल से साक्षात्कार लिया। जिसमें उन्होंने जानकारी दी की जलवायु परिवर्तन से लोगों की तबियत खराब हो रही है। लेकिन यह बदलाव अभी के रबी फसल के लिए लाभकारी है। ग्लोबल वार्मिंग पुरे विश्व के लिए बहुत ही खतरनाक है। इससे पूरा विश्व प्रभावित होगा। यह सब अधिक कल-कारखानों के होने के कारण हो रहा है। इसके लिए हम सभी दोषी है।जलवायु परिवर्तन के लिए प्रशासन के साथ ही कल-कारखानों के मालिक और इन्हें कारखाने लगाने की अनुमति देने वाले राज्य सरकार के लोग अधिक जिम्मेदार हैं।
झारखण्ड राज्य से जे.एम् रंगीला मोबाइल वाणी के माध्यम से गिरिडीह जिला के डुमरी प्रखंड के ग्राम पंचायत के छात्र नेता मोती लाल महतो से बात कर रहें हैं। मोती लाल का कहना है की खेती की दिशा और दशा जलवायु परिवर्तन के कारण बदल रहा है और इस परिवर्तन में सबसे बड़ा हाथ जंगल का है पहले जंगल 66% था जो की घाट कर 29% हो गया है। जंगल में कमी के कारण सही समय पर बारिश नहीं हो रही है और बारिश नहीं होने के कारण खेती नहीं हो पा रही है, जिस कारण पुरे भारत में बी भूख मरी की इस्थिति पैदा हो गई है। आज अधिक गर्मी पड़ने के कारण भूमि बंजर हो रही है , जिस कारण मवेशी को चारा नहीं मिल पा रहा है तथा जंगल में उगने वाले छोटे छोटे पौधे सुख जा रहें हैं। इतना ही नहीं आज के समय में यदि ठंढ पद रहा है तो वो भी काफी अधिक पद रहा है और इस परिवर्तन के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। तथा एक तरह से बेरोज़गार को भी बढ़ाने में जलवायु परिवर्तन का बहुत बड़ा योगदान रहा है
झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला से जेएम रंगीला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से छत्रधारी महतो से बातचीत किया। बातचीत के दौरान छत्रधारी महतो ने बताया की जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारन पेड़ो की कटाई, प्रदूषण है। ऐसे में किसानो की खेती नहीं हो पाती है। तो मजबूर हो कर उन्हें अन्य राज्य में काम करने के लिए जाना पड़ता है। सरकार के द्वारा पेड़ लगाने की योजना चलाई जा रही है। इससे मौसम पर फर्क पड़ेगा
झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला के डुमरी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कमिटी सहकारिता विभाग के अध्यक्ष महावीर महतो से जे.एम् रंगीला ने बात बात की। महवीर जी का कहना है की हमारे देश में पहले भी अधिक बारिश हुआ करती थी लेकिन खेती को नुक्सान नहीं हुआ करती थी। लेकिन आज थोड़ा आधी बारिश हो या थोड़ा कम बारिश हो खेती को काफी नुक्सान होता है इसका सिर्फ एक ही कारण है जंगल की कटाई। झारखण्ड में बारिश मात्र पंद्रह दिन के कारण खेती को काफी नुक्सान उठाना पड़ा है। तथा इनका कहना है की फारेस्ट डिपार्टमेंट से जो जंगल लगाया जाता है उसमे अच्छे क़िस्म के पेड़ लगाने चाहिए, तो निश्चित इसका अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा लेकिन फारेस्ट डिपार्टमेंट से जो पेड़ लगाए जाते हैं वो तीन से चार साल में आंधी पानी में पेड़ गिर जाता है। तथा सरकारी योजनाओं के अंतर्गत मनरेगा के तहत यदि ठीक ढंग से कार्य हों तो भी पर्यावरण को काफी फ़ायदा होगा। क्यूंकि मनरेगा के अंतर्गत वृक्ष रोपण, डोभा तालाब आदि आता है जो की की सीधे सीधे पर्यावरण पर असर डालता है.
झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला से राजेश कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से नवल किशोर से बातचीत किया। बातचीत के दौरान नवल किशोर ने बताया की, मौसम में बदलाव होने के वजह से किसान को नुक्सान हो रहा है। ज्यादा बारिश होने से फसल नस्ट हो रहा है, कभी अधिक ठण्ड होने से भी फसल ख़राब हो रहा है