झारखण्ड राज्य के बोकारो के बगोदर प्रखंड से भोला महतो गिरिडीह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि वे किसान हैं , इस कारण ही वे खेती बाड़ी से ज्यादा नाता रखते हैं। वे बताते हैं कि मौसम परिवर्तन के कारण स्थिति बहुत दयनीय हो गयी है। जितनी गर्मी होनी चाहिए उतनी नहीं हो रही है और समय पर बारिश नहीं होने से किसानों को समस्या हो रही है।
यशोदा देवी गिरिडीह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि मौसम परिवर्तन से बच्चों और महिलाओं पर भी असर पड़ रहा है। बारिश होने से खेती नष्ट हो रहा है
गिरिडीह जिला के बगोदर प्रखंड के अगारा पंचायत के बदलामी गाँव से बहादुर हेमरोन ने गिरिडीह मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मौसम परिवर्तन के कारण जनजीवन में इसका असर देखने को मिला। कृषि एवं छोटे छोटे बच्चों के सेहत पर भी इसका प्रभाव पड़ा है जिसका कारण पेड़ पौधों की कटाई है
झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला से जे एम रंगीला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से छक्कन महतो से बातचीत किया। बातचीत के दौरान छक्कन ने बताया की, जलवायु परिवर्तन हमरे जीवन का एक हिस्सा है और जलवायु परिवर्तन होने से ही हम स्वस्थ शरीर की कामना कर सकते है। जलवायु परिवर्तन का एक मुख्या कारन ये भी है की पहाड़ो, जमीनों को सरकार के द्वारा प्राइवेट कंपनी को लीज पर दे कर उसमे माइनिंग करवा रही है, खेती की जमीन पर बहुत ज्यादा मात्रा में ब्लास्टिंग भी किया जाता है। जिसका असर हमारे वातावरण पर पड़ रहा है। इनके इलाके में रोजगार की सुविधा तो है नहीं, सरकार के द्वारा मुफ्त राशन वितरण पर ही लोग निर्भर है
झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला से जेएम रंगीला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से छत्रधारी महतो से बातचीत किया। बातचीत के दौरान छत्रधारी महतो ने बताया की जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारन पेड़ो की कटाई, प्रदूषण है। ऐसे में किसानो की खेती नहीं हो पाती है। तो मजबूर हो कर उन्हें अन्य राज्य में काम करने के लिए जाना पड़ता है। सरकार के द्वारा पेड़ लगाने की योजना चलाई जा रही है। इससे मौसम पर फर्क पड़ेगा
झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला से अधिवक्ता अभय कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि मौसम में बदलाव का मुख्य कारण प्रदूषण है। जिससे बचाव के लिये अधिक से अधिक पेड़ पौधा लगाना चाहिए। साथ ही जंगल को बचाना होगा और जंगल लगाना होगा। हमें प्लास्टिक के उपयोग से दूर रहना होगा।क्लाइमेट चेंज हो रहा है मौसम में बदलाव आ रहा है जिससे प्रकृति हो या मनुष्य का जीवन हो या पशु पक्षियों का जीवन प्रदूषण की वजह से प्रभावित हो रहा,वायु प्रदूषण से सभी का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। प्रकृति से खिलवाड़ हो रहा है। अनाज के उत्पादन में ऑर्गेनिक खाद का उपयोग की जगह पेस्टिसाइड का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है जिससे उपज प्रभावित हो रहा है।पानी प्रदूषित हो रहा है पानी शुध्द नहीं मिलता है आज के समय में गाड़ियों का इस्तेमाल अधिक हो रहा है , वैसी गाड़ियां चल रही है जो अधिक कार्बन उत्सर्जित करती हैं जिससे प्रकृति का संतुलन बैलेंस बिगड़ रहा है। प्रकृति का जो बैलेंस है वह बना रहे इसके लिए संकल्प लेने की जरुरत है और अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने की जरुरत है।