मेरा नाम कविता देवी है और मैं प्रधान सिंह का निवासी हूँ , मैं आज यहाँ संस्कार भयों में आया हूँ और यहाँ हम ऋण लेनदेन करते हैं । और वापस आइए , इसमें , जब हम लिपिका में शामिल हुए , तो हमें बहुत सारी जानकारी मिली , पहले हम घर से नहीं निकले थे , लेकिन अब हम सब कुछ जानते हैं और अच्छा लगता है ।