चेहरा कलां -भाई- वहन के अटुट प्रेम भरे रिस्ते में भैया दुज पर्व बुधवार को बहनो ने अपने भाई के सुख-समृद्धि के साथ लंबी उम्र के कामना करते हुए गोधन कूटकर भाई के अजर अमर होने की लिए यमराज से प्रार्थना किया । जानकारी के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष मे द्वितिया तिथि को भैया दुज पर्व मनाने की परंपरा के अनुसार बुधवार को भाई के लंम्बी उर्म के लिए बहनो ने भैयादूज का पर्व किया। यह पर्व महिलाओं सहित कुमारी कन्याओं ने अपने अपने भाई के चारों दिशा से सुरक्षित रखने के साथ भाई के सुख- समृद्धि के लिए वर्त रखी । चिंकी-मिंकी दिव्यम , सृष्टि ,साक्षी, गोलू , काजल , खुशी ,पिउ सहित सुमन देवी,जानकी देवी,वेवी देवी, सुसिला देवी ललिता देवी, कामनी देवी, मालती देवी,सुमित्रा देवी सहित अन्य ने बतायी की प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्लपक्ष में द्वितिया तिथी को भैया दूज का पर्व होना सुनिश्चित है,जिसमें पर्व मे बहन अपने भाइयों के लंबी उम्र की कामना करते हुए भैयादुज पर्व करने के परम्परागत विधिवत पुजा अर्चना करते हुए पहले भाई को श्रापती है, फिर श्राप से मुक्ति के लिए अपने जीभ में रेगनी के कांटा चुभा कर श्राप से मुक्त करती है ।बजरी कूटकर अपने भाई को बजरी -मिठाई एंव पान खिलाकर भाई के लिए लम्वी उर्म की कामना करती है।