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बच्चे को अनुशासन का पाठ छोटी उम्र में ही देना शुरू कर दें। बच्चा 4-5 साल की उम्र में समझने लायक हो जाता है। ऐसे में छोटी उम्र में बच्चे को बताना शुरू कर दें कि क्या गलत है और क्या सही?, उसे कैसे बर्ताव करना चाहिए और अच्छे बुरे की पहचान बताएं।किताबें पढ़ें- रिपोर्ट्स की मानें तो बच्चे जितना ज्यादा पढ़ते हैं तो वह उतने ही ज्यादा होशियार बनेंगे। ... 2) म्यूजिक सुनाएं- बच्चे को कम उम्र से ही अलग-अलग तरह के गाने सुनाएं। ... 3) पजल सॉल्व- इन दिनों बच्चे बहुत ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनके बच्चे पर बुरा असर होता है।
मिश्रौलिया थानाक्षेत्र के असोगाव बंधे के पास मंगलवार सुबह सुबह एक युवक की संदिग्ध हालत में लास मिली। जिसको लेकर क्षेत्रवाशी के तरह तरह के कयास लगा रहे है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक मृतक जिला मुख्यालय के हुसैन गंज का बताया जा रहा है।
है भारत का सान मगर सम्मान बचालें तो जानें बदल गए स्कूल मगर शिक्षक भी बदलें तो जानें 1.एक ही मास्टर जी बार-बार हर बिषय पढ़ाने आते हैं हिंदी के जो टीचर है वह गणित पढ़ने आते हैं मोबाइल से लगे पढ़ाने ऐसे भी शिक्षक क्या जानें है भारत ............….......................... तो जानें 2.मोदी जी ने स्कूलों में तो सुविधा खूब बढ़ाया है पर शिक्षक की कमी हमेशा स्कूलों में हमने पाया है बच्चों की शिक्षा के प्रति अब हम आवाज उठाते हैं गांवों के हर स्कूलों में शिक्षक बढ़ावा दे तो जानें है भारत .........….......................... तो जानें 3.संस्कार और संस्कृतियों का कॉलेज में सम्मान नहीं अंग्रेजी का मान बहुत है हिंदी का सम्मान नहीं हरिवंश जी के कविता को पढ़ कर समझो तो जानें है भारत .........….......................... तो जानें लेखक -हरिवंश प्रताप - मो० 8765674570
पडरौना,कुशीनगर।जनपद के पडरौना तहसील के पिजवा स्थान से अकबरपुर सहित कई गांवों को जोड़ने के लिए झरही नदी के नाले पर स्थित पुलिया टूट जाने से आवागमन बाधित है। गांव के अधिकांश किसानों का सैकड़ों बीघा खेत इसी क्षेत्र में है। ऐसे में किसानों को समय के साथ काफी दूरी तय कर अपने खेतों पर जाना पड़ रहा है। लोगों का सवाल है कि आखिर ये पुलिया कब बनेगी। कब इस दुश्वारी से मुक्ति मिलेगी? यह पुलिया यहां के लोगों की जीवन रेखा है। यहां से अकबरपुर दुबौली,बलकुडिया गांव की दूरी दो किलोमीटर है लेकिन इस पुलिया के टूटने के कारण उक्त गांवो की दूरी 5 किलोमीटर हो गई है।8वर्षों से यहां के लोगों को जनप्रतिनिधियों ने सिर्फ वादों की घुट्टी पिलाई है, पर अब लोगों का धैर्य जवाब दे रहा है। इस समस्या को लेकर ग्रामीणों सहित किसानों में गहरी नाराजगी है। उक्त गांवों को जोड़ने के लिए सन 2014 मे जिला पंचायत निधी से करीब 14 लाख की लागत से झरही नदी से निकली नाले पर पांच मीटर लंबी पुलिया का निर्माण किया गया था। निर्माण में अनियमितता बरतने के चलते 2 वर्ष बाद ही पुलिया दरक कर टूट कर ध्वस्त हो गई थी। किसानों द्वारा कई बार क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों से शिकायत किया जा चुका है,लेकिन कहीं से कोई कार्रवाई नहीं की गई। क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से पुलिया मरम्मत कराने की मांग किया है।
Siddharth Nagar jile mein Kala Namak ki kheti sabse adhik ki jaati hai aur Siddharthnagar ko Kala Namak ka brand level bhi Mila hai aur Kala Namak chawal ko Bhagwan Buddh ka Prasad bhi Mana jata hai
सिद्धार्थ नगर
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