दोस्तों ,बचपन ईश्वर का दिया हुआ वो उपहार है ,जो मासूमियत और प्रेम से बंधा होता है। शरीर से लेकर भावों तक सब कुछ कोमलता लिए हुए होता है। गीली मिट्टी सा बचपन जिस साँचे में ढालो ,ढल जाता है। लेकिन इस मासूमियत पर कभी कभी मानवीय विकारों का साया मंडराने लगता है,जिसे हम यौन शोषण कहते हैं। अपने नन्हे को सुरक्षित रखने के लिए माता पिता को बेहद सतर्क रहने की आवशयकता है। साथ ही उन्हें अच्छा स्पर्श और बुरा स्पर्श बताने की भी जरुरत है। इन्ही सब बातों को जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें