समाजसेवी पंकज परमार सोनपुर ने बताया कि ---विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला जो अंग्रेजों व मुगलों के शासन से चली आ रही है जिसे सोनपुर पशु मेला के रूप में जाना और पहचाना जाता था राज्य ही नहीं विदेशी से भी सैलानियों का आगमन होता था मेला में सुई से लेकर तलवार व हर घरेलू सामग्री का खरीद बिक्री होती थी क्षेत्रफल भी बहुत बड़ा था लेकिन विगत 20 वर्षों से मेला का क्षेत्र धीरे-धीरे सी सिमटती जा रही है पहले बड़े-बड़े व्यापारियों का आगमन होता था लेकिन बढ़ती महंगाई और मेला में टेंडर के रकम ज्यादा होने के कारण राशि दुकान लगाने वाले लोगों को ज्यादा दामो में जमीन ली जाती है इससे भी व्यापारियों को काफी कठिनाई होती है पहले पशु पक्षियों की बिक्री होती थी व्यापारी आते थे लेकिन विगत पशु पक्षी बिक्री पर पाबंदी लग जाने के कारण व्यापारियों का आना जाना काम हो जाने के कारण सोनपुर मेला धीरे-धीरे सिमटती जा रही है ।