बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से संध्या देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुमन कुमारी से हुई। सुमन कुमारी यह बताना चाहती हैं कि भूमि अधिकार के मामले में शहरी क्षेत्र में महिलाएं आत्मनिर्भर रहती हैं लेकिन गांव की महिलाएं पुरुष पर निर्भर रहती हैं। गांव में पुरुष के नाम से ही जमीन होता है।

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि परिवार के लोग महिलाओं को संपत्ति में अधिकार दिलाने में कई लोग सहायक बनते हैं। पत्नी के नाम से जमीन होना चाहिए। पिता बेटी को जमीन में अधिकार नहीं देना चाहते हैं।

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि शहरी क्षेत्रों में महिलाएं काम नहीं करना चाहती हैं जबकि गांव में महिलायें काम करना चाहती हैं।महिलाएं गांव में जमीन के लिए लड़ाई करती हैं। गांव में महिलाये खेतों पर ही निर्भर रहती हैं इसलिए वह अपना हक़ मांग रही है

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से ख़ुशी कुमारी से हुई। ख़ुशी कुमारी यह बताना चाहती हैं कि महिलाओं को जमीन में हिस्सा मिलना चाहिए। इनके पति जमीन में अधिकार नहीं देना चाहते हैं

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से भूमि अधिकार पर नेहा कुमारी से साक्षात्कार लिया।नेहा कुमारी ने बताया कि ग्रामीण महिलाएं जमीन मिलने पर खेती करेंगी और घर - गृहथी चलाएंगी।शहरी महिलाएं सब्जी का दूकान कर के अपना घर गृहस्थी चला सकती है।नेहा कुमारी गांव में रहना चाहती हैं

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से भूमि अधिकार पर नेहा कुमारी से साक्षात्कार लिया।नेहा कुमारी ने बताया कि महिलाओं के पास भूमि और सम्पत्ति होने के बावजूद वो किसी भी प्रकार का निर्णय नही ले पाती हैं।पति और सास - ससुर से बिना पूछे या रजामंदी के वो कोई काम नही करती है।महिला घर के सदस्यों को दुखी नही करना चाहती है।नेहा के नाम पर जमीन नही है।

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि महिलायें गांव में अनपढ़ रहती है और खेत में काम करती। गांव में महिलायें सबका बात सुन कर रहती है। गांव में महिला संपत्ति के बारे में नहीं बोल पाती है। अब गांव में भी महिला जागरूक हो रही है और जमीन पर अपना हक़ के लिए लड़ाई लड़ रही है

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज भी महिलाएं स्वतंत्र रूप से निर्णय नही ले पाती हैं। वह जानती हैं कि उनके नाम से जमीन,घर,सम्पत्ति है लेकिन वह खुद से निर्णय लेने में हिचकिचाती हैं। महिला के ऊपर पति और बेटा होते हैं।पति और बेटेसे पूछे बिना या उनकी राय जाने बिना वो कुछ नही कर पाती है।साथ ही उनको समाज का भी डर रहता है।अपने मन से कुछ काम करेगी तो समाज उनके बारे में क्या सोचेगा,इस विचार से वो हमेशा परेशान रहती है

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बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला संपत्ति अधिकार विषय पर नेहा से साक्षात्कार लिया।नेहा ने बताया कि सम्पत्ति होने के बावजूद महिलाएं स्वतंत्र निर्णय लेने में हिचकिचाती हैं।उन्हें लगता है कि यदि वो कुछ निर्णय लेंगी तो उनके पति और बेटा उनपर गुस्सा करेंगे