बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला संपत्ति अधिकार विषय पर अनीता देवी से साक्षात्कार लिया।अनीता देवी ने बताया कि ये कृषि कार्य करती हैं।पहले की महिलाएं अशिक्षित हुआ करती थी। आज की महिला शिक्षित हैं और होशियार हैं। आज महिला अपना हक़ लेना जानती है
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला संपत्ति अधिकार विषय पर रीना देवी से साक्षात्कार लिया।रीना देवी ने बताया कि महिलाओं को पुरुष के बराबर जमीन में अधिकार लेना चाहिए।पुरुष अधिकार नही देना चाहते हैं।आज के जमाने में महिलाएं पुरुषों से कम नही हैं। आज पुरुष और महिला दोनों कमा रहे हैं।महिलाओं को अपना विकास करना चाहिए
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला संपत्ति अधिकार विषय पर खुशबू कुमारी से साक्षात्कार लिया।खुशबू कुमारी ने बताया कि महिलाओं को भूमि अधिकार पाने के लिए अपने अधिकार के प्रति जागरूक होना होगा।पुरुष इस दर से अधिकार नही देते हैं कि उन्हें शक रहता है महिला सम्पत्ति लेकर भाग जाएँगी
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला संपत्ति अधिकार विषय पर सनीशा कुमार से साक्षात्कार लिया।सनीशा कुमार ने बताया कि महिलाओं को अपने अधिकार के प्रति जागरूक करना चाहिए। पहले महिलाएं पढ़ी-लिखी नहीं थी, इसलिए पुरुष ही सब काम करते थे। महिलाएं घर से बाहर नही निकलती थी। लेकिन अब महिलाएं पढ़ने-लिखने लगी हैं और अपने अधिकार के प्रति जागरूक हो गई हैं
साल 2024 में राष्ट्रीय महिला आयोग को 25743 शिकायतें मिलीं जिसमें से 6,237 (लगभग 24%) घरेलू हिंसा से जुड़ी थीं. इसी रिपोर्ट के अनुसार 54% शिकायतें उत्तर प्रदेश से आईं, जो घरेलू हिंसा से जुड़ी शिकायतों में उत्तर प्रदेश की प्रमुखता को दिखाता है. उत्तर प्रदेश से 6,470 शिकायतें आई थीं, तमिलनाडु से 301 और बिहार से 584 शिकायतें दर्ज की गई थीं.
ज़िन्दगी के कुछ पलों में लड़को को भी रोने का मन करता है और ऐसे समय में रो लेना कितना ज़रूरी है। पर क्या हमारा समाज इतनी आसानी से लड़कों को रोने की आज़ादी दे दे सकता है ? क्या केबल रोने या न रोने से ही साबित होता है की वो इंसान कितने मज़बूत किरदार का मालिक है ? और क्या इसी एक वाक्य से हम बचपन में ही लिंग भेद का बीज बच्चो के अंदर ने दाल दे रहे है जो पड़े होते होते न जाने कितने और लोगो को अपनी चपेट में ले चूका होता है ! आप के हिसाब से अगर लड़के भी दिलका बोझ हल्का करने के लिए रोयें और दूसरों से नरम बर्ताव करे तो समाज में क्या क्या बदल सकता है ? इस सभी पहलुओं पर अपनी राय प्रतिक्रिया और सुझाव जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। और हां साथियों अगर आपके मन में आज के विषय से जुड़ा कोई सवाल हो तो वो भी जरूर रिकॉर्ड करें। हम आपके सवाल का जवाब तलाश कर आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे।
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