दोस्तों, , कोरोना संक्रमण का असर 2 सप्ताह या अधिकतम 1 माह में खत्म हो जाता है. इसके बाद जैसे ही पीडित की रिपोर्ट नेगेटिव आती है, उस समय से 3 माह बाद कोरोना टीके की पहली डोज लगवा सकते हैं .
दोस्तों, सरकार के प्रयासों से देश की अधिकांश जनता ने कोविड टीके की दोनों खुराके ले ली हैं पर फिर भी हमारे बीच कोरोना संक्रमण का खतरा कम नहीं हो रहा है. इसकी वजह है कि अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं, जो कोरोना टीके के बारे में भ्रमित हैं... यानि अफवाहों के चलते उन्होंने टीकाकरण नहीं करवाया है. जिसकी वजह से हमारे समाज में अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है. और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें
दोस्तों,कोविड का टीका हर तरह के परीक्षण के बाद तैयार किया है और फिर आम नागरिकों तक पहुंचा है. असल में कोरोना का टीका शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है. इससे शरीर को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता. टीके के प्रभाव से कुछ लोगों को हल्का बुखार या फिर टीका लगने वाले स्थान पर दर्द हो सकता है लेकिन यह क्षणिक है. यानि एक दो दिन में खुद ठीक हो जाता है. इससे ना तो माहवरी बंद होती है ना ही उस दौरान दर्द होने जैसी कोई समस्या आती है. और ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें .
बिहार राज्य के गया ज़िला के बाराचट्टी प्रखंड के ग्राम हायसाड़ी से उमा देवी ने मगध मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्होंने कोरोना का दोनों टीका लगवा लिया है। उन्होंने बताया कि कोरोना का टीका लगवाने के बाद उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई । किसी को भी कोरोना का टीका लगवाने से घबराना नहीं चाहिए और अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए
बिहार राज्य के गया ज़िला के बाराचट्टी प्रखंड से चंचला की बातचीत मगध मोबाइल वाणी के माध्यम से कमली देवी से हुई। कमली देवी बताती है कि ये कोरोना टीका के दोनों डोज़ ले चुकी है ,इन्हे बूस्टर डोज़ की जानकारी नहीं है। कोरोना का टीका लेने के बाद इनकी तबियत नहीं ख़राब हुई। कई लोगों का कहना है कि कोरोना टीका लेने से स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या आती है ,लोग टीका लेने से डरते है कि वो मर जाएगे
बारह चट्टी प्रखंड से चंचला कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से एक व्यक्ति से बात कर रहीं हैं, इनका कहना है की इन्हें कोरोना वैक्सीन लेने के बाद कोई भी समस्या नहीं हुई। तथा चंचला ने इन्हें जानकारी दी की कोरोना वैक्सीन के दूसरा डोज़ लेने के नाइन मंथ बाद बूस्टर डोज़ लेना होता है
बिहार राज्य के गया के मानपुर प्रखंड से सुनील मांझी मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला से बात कर रहें हैं, महिला का कहना है की लोगों के डराने के कारण और लोगों को देखा की वैक्सीन के बाद बीमार पद रहें हैं तो इन्होने वैक्सीन नहीं लिया है। लेकिन अब ये वैक्सीन लेना चाहती हैं.
दोस्तों, कोविड बचाव का टीका गर्भवती महिलाओं और उनके शिशुओं पर कोई बुरा असर नहीं डालता. बल्कि ये तो आपकी कोरोना से रक्षा करेगा. आशा दीदी तो खुद घर—घर जाकर गर्भवती महिलाओं को ये टीका लगवाने की सलाह दे रहीं हैं. गर्भवती महिलाएं प्रसव के तत्काल बाद कोविड बचाव टीका लगवा सकती हैं. जब भी टीका लगता है तो कुछ लोगों को हल्का बुखार, बदन दर्द होता है, लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए. इससे आपको या बच्चे को कुछ नहीं होगा. ये सारी तकलीफ कुछ देर में ठीक हो जाती है. और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।
साथियों, जब वैक्सीन बनाई जाती है तो उसमें किसी जीव के कुछ कमज़ोर या निष्क्रिय अंश होते हैं जो बीमारी का कारण बनते हैं. ये शरीर के 'इम्यून सिस्टम' को संक्रमण की पहचान कर उनके ख़िलाफ़ शरीर में एंटीबॉडी बनाने में मदद करते हैं. वैक्सीन लगने के कुछ वक़्त बाद ही आप उस बीमारी से लड़ने की इम्यूनिटी विकसित कर लेते हैं. कोविड वैक्सीन भी हमारे शरीर में यही काम करती है. ऐसे में अगर किसी को कोरोना हो भी जाए तो वह जल्दी ही उससे ठीक हो जाता है . साथियों, हमें ये बताएं कि आपके आसपास के लोग कोविड बचाव वैक्सीन के बारे में क्या सोचते हैं? और कोरोना के मामले कम होने के बाद लोग किस तरह की लापरवाही बरत रहे हैं? कहीं आप भी तो कोरोना को हल्के में नहीं ले रहे? खैर कोविड वैक्सीन के बारे में अपनी राय, सुझाव, अनुभव और किस्से... जो भी हैं.. उन्हें हम तक पहुंचाएं. ताकि और लोग भी उसे सुन सकें, सीख सकें.