प्रभा देवी, जो की आंगनवाड़ी वर्कर है, उनका कहना है यहाँ पर लोग पढ़े लिखे नहीं है वह अपने बच्चो की पढ़ने नहीं भेजते है और मजदूरी पर भेज देते है, उनको कोई समझ नहीं है, बोलते है की छोरियो की पढ़ा लिखा कर क्या करना है, हम तो गरीब है हमारे पास पैसा नहीं पढ़ने के लिए. जबकि सरकार छात्रावास दे रही है, आंगनवाड़ी से पोषाहार मिल रहा है, सब कुछ कर रही है सरकार फिर भी नहीं समझते है, यह परिस्थिति है.
डहरा से कमलेश देवी बोल रही है, जो सुरक्षा सखी से जुडी हुई है, और इन्हे सुरक्षा सखी के बारे में पूरी जानकारी चाहिए
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दिनेश बोल रहे है की उनको बच्चों और औरतों की सुरक्षा के बारे में जानकारी चाइये
भरतपुर जिले के वैर थाने से अंजू का कहना है की उन्होंने अपने समुदाय में बच्चो को स्कूल में दाखिला करवाया है जो बच्चे स्कूल से ड्राप आउट थे, और ईंट भट्टो तथा अन्य जगहों पर बाल मजदूरी करने वाले बच्चो को बाल मजदूरी से बचाया है और उनके आधार कार्ड (आई डी) बनवाने में मदद की है.
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