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नीमराना से सुनीता बात कर रही है, वह महिला और लड़कियों की सुरक्षा के बारे में जानकारी चाहती है

गांव से 3 किलोमीटर दूर, मेरी लड़की है जो गर्ल्स स्कूल आती है] उसके पीछे पीछे लड़को का झुण्ड जाता है तो क्या करे इसके बारे में बताइये, और घरवाले भी लड़की को गलत ठहराकर लड़के ठीक, की अच्छा है अच्छा काम कर रहा है,.

मेरा नाम उमेश है मेरा गांव का नाम बीजवाड़ चौहान, तहसील मुंडावर शाहजहांपुर थाने से, मैं यह जानना चाहती हूं कि महिलाओं के लिए ऐसे कौन-कौन से कानून है जो उन्हें बिल्कुल उन्हीं जगह पर परफेक्ट तरीके से सुरक्षा दे सकें , जहाँ वह रहती है.

हेलो, मेरा नाम ग्राम साथिन गिरी कुमारी, मैं ग्राम पंचायत चिकानी से हूं, मैम आपका बहुत अच्छा सजेशन लगा हम लोगों को. कि हम समुदाय में एक ग्रुप के माध्यम से इस विषय को रखेंगे और महिलाओं को बताएंगे कि हमारे विभाग का घरेलू हिंसा पर 2005 का जो घरेलू हिंसा है इसके ऊपर अधिनियम बना है आप लोग इस चीज को सहे नहीं और बढ़िया तरीके से उनके बीच में एक मीटिंग के माध्यम से महिलाओं और बालिकाओं के बीच में एक मीटिंग के माध्यम से यह रखेंगे, जिससे महिलाएं जागरूक होगी और अपने अधिनियम के प्रति अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर के इस पर ध्यान देंगी और अपने कानून के बारे में समझ सकेंगी।

मेरा नाम सीमा है और थाने की सुरक्षा हूँ, हमारे यहां पर स्कूल में शौचालय नहीं हैं, वहां पर लड़कियां असुरक्षित महसूस करती है, शौचालय में पानी भी नहीं है और ना ही शौचालय के ऊपर छत है, हमारे यहां यह परेशानी हैं.

मैं गढ़वा गांव से बात कर रही हूं हमारा चौपांकी थाना लगता है मैं सुरक्षा सखी सीमा हूँ.

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मेरा नाम रजनी है मैं खुशखेड़ा थाने की सुरक्षा हूं और हमारी 18 तारीख को मीटिंग होने वाली हैं जिससे संबंधित जानकारी इकट्ठा करने के लिए हम अपने स्कूल के प्रिंसिपल से कल मिले थे हमने उनसे परमिशन ली और बच्चियों से बात भी की और अपने गांव का नक्शा भी बनाया है और जहां हमें खतरे होने की संभावना नजर आ रही है वहां हमने रेड कलर के हाईलाइट भी किया है और अभी एग्जाम शुरु हो रहे हैं इसलिए हमारे गांव के बस स्टैंड पर थोड़ा खतरा हो सकता है यह बात हम ठाणे में सूचित करेंगे।

अलवर जिले के शाहजहाँपुर थाना अंतर्गत पलावा गांव की सुरक्षा सखी, उनका कहना है की, उन्होने अपने गांव का नक्शा बनाया था उन जगहों पर जहाँ कुछ घटना हो सकती है, ऐसी घटनाओं पर ध्यान देने के लिए थानाधिकारी को बोला था की एक बार जहाँ ख़तरा है या दिखाई दे रहा है, उस पर ध्यान समय से पहले दिया जाये, मैंने कुछ असुरक्षित जगह बताई थी जैसे सरकारी विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं से संबंधित समय सुबह 9:00 बजे से 10 बजे और शाम 4:00 बजे से 4:30 बजे तक का समय बताया, उन पर पुलिस ने पेट्रोलिंग की गई जहां पर जाकर मैंने खतरा बताया था उस पर पुलिस ने ध्यान दिया और इन स्थानों पर पुलिस के द्वारा एक दो बार गस्त के रूप में आए धन्यवाद।