दुर्गा वैष्णव कोटा से, उनका कहना है की हर गांव - ढाणी में एक सुरक्षा सखी होनी चाहिए, ताकि छोटे छोटे क्राइम कोई बड़ा रूप न ले लें उससे पहले ही पुलिस के साथ मिलकर एक सेतु के रूप में उस पर काम करें, हर एक लड़की को पढ़ने का मौका मिले और एक जो बाल विवाह होते हैं यह बाल विवाह में लड़की का पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है और वह आगे कुछ नहीं कर पाती हूं जितना हो सकता है अपन बाल विवाह को रोकने की कोशिश करते हैं, और जो यह लड़कियां होती है बहक जाती है लड़को के साथ में, पूरा जीवन लड़के नष्ट कर देते हैं और ठाणे में जाने से वह लड़कियां डरती है, ठाणे में नहीं जायेंगे, कुछ उनके अपने ही रक्षक ही भक्षक बन जाते है, परिवार की इज्जत कम हो जाएगी पुलिस में जाएगी, ऐसा है वैसा है. हमें बहुत कुछ सीखने को मिला और यह जो छोटे छोटे ढाणी होते है जहाँ पुलिस नहीं पहुंच पाती है, हमें उनके साथ मिलकर इस पर काम होना चाहिए इस तरह का एक मौका मिला, जिसे पाकर बड़ी खुशी हूँ, और मै हर एक लड़की से मिलती हूँ, उनको मोटीवेट करती हूँ, घरेलु हो जाती है तो हम तीन चार सखियाँ मिलकर उसे समझाते है. फिर भी नहीं मानते है तो उस केस को हम पुलिस ठाणे तक ले जाते है. और अभी हमने दो चार केस हैंडल किये है. और हमारा कुणादि थाना बहुत सहयोग करता है. धन्यवाद