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नगर वासियों ने कहा पहले सड़क

वाराणसी में दिव्यांग लोगो कारोबार करने के लिए बाहर जाने में काफी दिक्कत होती है। मोबाइल वाणी से बात करते हुए तौहीद ने बताया कि हम लोग अपने कारोबार के लिए बाहर जाते हैं। तो हमें काफी दिक्कत होती है। जिससे हम लोग बनारस में ही सीमित रह जाते हैं । उन्होंने बताया कि रेलवे में दिव्यांग लोगों की बोगी लगी रहती है,लेकिन उन बोगियों में भी नॉर्मल पब्लिक सफर करती है। उसमें हम लोगो के लिए फ्री होता है, इसीलिए नॉर्मल पब्लिक सफर करती है । ऐसे में हम लोग कारोबार के लिए बाहर नही पाते है जिससे काफी समस्या होती है । और बहुत सारे प्रोग्राम बनारस से बाहर होते हैं तो हम लोग नहीं जा पाते हैं। जिससे हम लोग का प्रोग्राम छूट जाता है। उन्होंने सरकार से अपील भी की इसके लिए सरकार को विचार करना चाहिए।और हम लोगो की मदद करनी चाहिए।

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वाराणसी में क्षय रोगियों की निगरानी 'अमरोहा मॉडल' से होगी। इसके लिए कॉलिंग बेस्ड मोबाइल ऐप लांच होगा। उम्मीद है कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अपने काशी के दौरान इसे लांच कर सकती हैं। इसके माध्यम से मरीजों को दवा खाने के लिए हर रोज फोन कॉल होगी। जिले में वर्तमान में 7321 टीबी रोगियों का उपचार चल रहा है। कई मरीजों के नियमित दवाई नहीं लेने से दवा उन पर असर नहीं कर रही है। ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस समस्या को देखते हुए अब इनकी निगरानी की जाएगी। सक्रिय रोगियों को रोजाना सुबह आठ से रात आठ बजे के बीच फोन कर उनका हाल-चाल लिया जाएगा। ऐप में उपलब्ध ऑप्शन चुनने पर उन्हें वह सुविधा तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी। इस बारे में टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ. अनवित ने बताया कि टीबी मरीज यदि अपना उपचार पूरा करता है। तो वह पूरी तरह ठीक हो जाता है। सीडीओ हिमांशु नागपाल ने कहा कि देश को 2025 तक टीबी मुक्त करना है। टीबी के मरीजों को नियमित दवा लेनी होगी।