गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने और गोहत्या रोकने के लिए वृंदावन से दिल्ली तक पंद्रह दिवसीय नंगे पैर मार्च करने वाले शंकराचार्य की पदयात्रा ज्योतिष पीठदेश्वर को चिह्नित करने के लिए हजारों लोग अस्सी घाट पर गंगा पूजन आरती करते हैं । अस्सी घाट पर हजारों लोगों ने शंकराचार्य महाराज की पदयात्रा के तीसरे दिन गंगा पूजन आरती और हनुमान चालीसा का पाठ करके शंकराचार्य महाराज के मीडिया पर्सन संजय पांडे के नेतृत्व में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज को अपना पूरा समर्थन दिया ।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने वाराणसी में अनुशासनहीनता के लिए पांच पूर्व छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की काशी हिंदू विश्वविद्यालय के खिलाफ शैक्षणिक वातावरण को बाधित करने और अनुशासनहीनता के लिए सख्त रुख अपनाते हुए पांच पूर्व छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है । उपमहापंजीयक प्रशासन द्वारा यह सूचित किया गया है कि पूर्व छात्रों के मामले में गठित स्थायी समिति की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए , कुलपति के आदेश के अनुसार , भविष्य में विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी पाठ्यक्रम में तीन पूर्व छात्रों की भी घोषणा की जाएगी ।
वाराणसी के 62 चौराहे पर 3 घण्टे 138 पुलिसकर्मियो ने संभाली ट्रैफिक की कमान
ओव्हरब्रिज निर्माण की जद में आने वालों को ज्वालामुखी,
पिकअप की टक्कर से पुलिस वैन के उरे परखच्चे , चार पुलिसकर्मी की हालत गंभीर
पिण्डरा तहसील मुख्यालय पर किसानो ने काशी द्वार योजना के विरोध में धरना प्रदर्शन किया।
बंगाल के कारीगरो द्वारा तैयार खास मुकुट बाबा विश्वनाथ रंगभरी एकादशी पर धारण करेगे
मोबाइल शॉप से लाखो की चोरी शटर काट कर अंदर घुसे चोर
राणसी की गल्ला मंडी में मूंग दाल की कीमत 9,840 है जो न्यूनतम दर है और 9,960 जो अधिकतम दर है । तेरह हजार छह सौ पचहत्तर और अधिकतम तेरह हजार आठ सौ निन्यानबे । इसके अलावा , वाराणसी में सन के बीजों के बारे में बात की जानी चाहिए । न्यूनतम 51 सौ 25 और अधिकतम 52 दालों के बारे में बात की जानी चाहिए । सरसों के मामले में , पचास - चार सौ न्यूनतम है और पचास - पाँच सौ मक्का है , इकतीस सौ अस्सी न्यूनतम है और बाईस सौ पचास मटर है ,
काशी में 20 मार्च को होने वाले रंगभरी एकादशी के उत्सव में बंगीय संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इस वर्ष शिव और गौरा अपने शीर्ष पर बंगीय देवकिरीट धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। गौरा के गौना के मौके पर निकाली जाने वाली पालकी यात्रा के दौरान बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती देवी पार्वती के सिर पर बंगीय शैली का देवकिरीट सुशोभित होगा।